सरकार के एक निर्णय से कनाडा से मटर तस्करी करने वालों की निकली हवा, नेपाल बॉर्डर के तस्कर ऑर्डर रद कर रहे
Gorakhpur News: सरकार द्वारा इम्पोर्ट ड्यूटी को पूरी तरह हटाने के बाद तस्करों के दिन खराब हो गए हैं। नेपाल बॉर्डर के तस्कर बेरोजगार हो गए हैं। मटर की कीमतों में तीन दिनों में 1000 रुपये कुंतल से भी अधिक की कमी दर्ज की गई है।
Gorakhpur News: देश के किसानों को राहत देने के लिए केन्द्र सरकार ने तीन साल पहले पीली दाल यानी मटर पर इम्पोर्ट ड्यूटी लगाकर आयात की संभावना को खत्म कर दिया था। एक किलो मटर दाल पर 200 रुपये इम्पोर्ट ड्यूटी। यानी 50 रुपये कीमत की मटर दाल पर 200 रुपये की इम्पोर्ट ड्यूटी। इसी ड्यूटी के खेल में नेपाल के रास्ते बड़ी मात्रा में कनाडा से मटर की तस्करी हो रही थी। अब सरकार द्वारा इम्पोर्ट ड्यूटी को पूरी तरह हटाने के बाद तस्करों के दिन खराब हो गए हैं। नेपाल बॉर्डर के तस्कर बेरोजगार हो गए हैं। इतना ही नहीं मटर की कीमतों में तीन दिनों में 1000 रुपये कुंतल से भी अधिक की कमी दर्ज की गई है।
बदले हालात में नेपाल के सोनौली बॉर्डर पर सक्रिय तस्कर मटर के आयात को मना कर रहे हैं। जानकारों की माने तो नेपाल के गोदामों में करोड़ों कीमत का मटर पड़ा हुआ है। जिससे तस्करी के नेटवर्क में जुड़े कारोबारियों को बड़ा झटका लगा है।
5 करोड़ कीमत का मटर बरामद
पिछले तीन वर्षों में गोरखपुर से लेकर महराजगंज में 5 करोड़ कीमत की तस्करी का मटर बरामद हुआ है। जो माल पकड़ा गया वह तस्करी का 5 फीसदी भी नहीं है। ऐसे में तस्करी के पूरे नेटवर्क को समझा जा सकता है। महंगाई पर अंकुश लगाने के क्रम में बीते 7 दिसम्बर को केन्द्र सरकार ने पीली दाल यानी मटर के आयात पर इम्पोर्ट ड्यूटी को पूरी तरह हटा दिया है। अब तस्कर बेरोजगार हो गए हैं। अभी विदेशों से मटर नहीं आया है लेकिन कीमतें कम होने लगी हैं।
तीन दिनों के अंदर मटर की कीमतों पर 1000 रुपये कुंतल तक की गिरावट आ गई है। मटर के साथ ही अरहर दाल, चना दाल के साथ मसूर दाल की कीमतों में भी कमी देखी जा रही है। सरकार के निर्णय से पहले मटर दाल की कीमत 75 रुपये से गिरकर 63 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गई है। इसी तरह चना दाल की कीमतें 75 रुपये से गिरकर 70 रुपये प्रति किलो तक गिर गई हैं। अरहर दाल की कीमतों में भी गिरावट दिखने लगी है। अरहर दाल की कीमतों में भी 5 से 7 रुपये किलो तक की गिरावट दिख रही है।
बर्बाद हो गए जमाखोर
सरकार के निर्णय के बाद मटर और मटर दाल के थोक कारोबारियों को लाखों रुपये का झटका लगा है। महेवा मंडी में व्यापारी 65 रुपये प्रति किलो में भी मटर दाल लेने को तैयार नहीं है। एक ट्रक मटर दाल के पीछे व्यापारियों को 3 लाख रुपये तक का नुकसान उठाना पड़ रहा है।