Gorakhpur: गोरखपुर डॉक्टर की डिग्री के क्लोन पर गाजीपुर और वाराणसी में खुल गया पैथालॉजी सेंटर, ऐसे हुआ खेल

Gorakhpur News: दीपक सभी को पांच लाख रुपये में डिग्री उपलब्ध कराता था तो ओमप्रकाश जरूरतमंदों से संपर्क कर डिग्री दिलाने का झांसा देता था।

Update: 2024-09-02 02:39 GMT

पकड़े गए पैथोलॉजी जालसाज़ के बारे में जानकारी देते एसएसपी  (फोटो: सोशल मीडिया )

Gorakhpur News: पूर्वांचल में भले ही चिकित्सकीय सुविधाओं को लेकर संजीदा होने का दावा करे लेकिन यहां धंधेबाजों के लिए मरीज एटीएम मशीन के सिवा कुछ नहीं है। तभी तो कभी एम्बुलेंस घोटाला, कभी मरीजों की खरीद फरोख्त तो कभी 12वीं पास युवक द्वारा अस्पताल संचालन की खबरें आती हैं। अब गोरखपुर में फर्जी पैथालॉजी का खुलासा हुआ है। पुलिस ने गोरखपुर के रहने वाले डॉ. राहुल नायक की शिकायत पर उनकी डिग्री का फर्जी इस्तेमाल कर पैथोलॉजी संचालित करने वाले बृजेश लाल,ओमप्रकाश गौतम और दीपक विश्वकर्मा को गिरफ्तार किया है। एसएसपी ने गिरफ्तारी करने वाली टीम को 15 हजार रुपये का इनाम दिया गया है।

पूरा मामला डॉ. राहुल नायक की शिकायत के बाद खुला है। दरअसल, वह खुद पैथोलॉजी सेंटर खोलना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने आवेदन किया तो उनके नाम पर तीन पैथोलॉजी सेंटर चलने की जानकारी हुई। यह सुनकर वह हैरान हो गए। जब उनका खुद का रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ तो उन्होंने एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर से मुलाकात की। गत 17 मई को एसएसपी के आदेश पर गुलरिहा थाने में केस दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू की तो पता चला कि उनकी डिग्री से फर्जी डिग्री बनाकर गाजीपुर, वाराणसी में सेंटर चल रहा है। एसएसपी ने बताया कि वाराणसी, गाजीपुर में पैथोलॉजी संचालित हो रही थी, जबकि फर्जी डिग्री की मदद से ही प्रयागराज और मऊ के अलावा गाजीपुर में एक और पैथोलॉजी के पंजीकरण के लिए आवेदन किया गया है। सभी संबंधित जिलों के सीएमओ को पुलिस की ओर से पत्र भेजा गया है।

तीन नाम से जाना जाता है ओमप्रकाश

पुलिस की जांच में पता चला है कि ओमप्रकाश तीन नामों से जाना जाता है। कुछ लोग उसे एके सिंह तो कुछ अतुल नाम से जानते हैं। दीपक सभी को पांच लाख रुपये में डिग्री उपलब्ध कराता था तो ओमप्रकाश जरूरतमंदों से संपर्क कर डिग्री दिलाने का झांसा देता था। सभी संबंधित जिलों के सीएमओ को जांच के लिए पुलिस की ओर से पत्र भेजा गया है। महराजगंज के शख्स ने भी पांच लाख में डिग्री ली महराजगंज में पैथोलॉजी खोलने वाले एक शख्स ने भी पांच लाख रुपये में आरोपी बृजेश लाल से डिग्री ली थी, लेकिन उसका रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाया। इस पर वह डॉ. राहुल नायक से मिला। पुलिस में मामला आने के बाद पूरे गिरोह का पर्दाफाश हो गया।

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