Gorakhpur: भरा हुआ परिवार, फिर भी बुजुर्ग मां की किसी को नहीं दरकार, जानें पूरा मामला

Gorakhpur: प्रदेश के गोरखपुर में एक बुजुर्ग महिला पुलिस ऑफिस से लेकर रेलवे स्टेशन तक भटक रही है। वजह, चार बेटों और तीन बेटियों की मां का सिर्फ एक बेटा ही उसे खाना देता है।

Update: 2024-07-14 09:36 GMT

भरा हुआ परिवार, फिर भी दर-दर भटक रही बुजुर्ग मां (न्यूजट्रैक)

Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में एक बुजुर्ग महिला पुलिस ऑफिस से लेकर रेलवे स्टेशन तक भटक रही है। वजह, चार बेटों और तीन बेटियों की मां का सिर्फ एक बेटा ही उसे खाना देता है। वह लड़का भी पिछले चार दिनों से लापता है। बेटे की तलाश में बुजुर्ग महिला खजनी थाने पहुंची तो उसे पागल करार देकर दुत्कार दिया है। किसी ने बताया कि गोरखपुर में एसएसपी बैठते हैं। उनके पास गुहार करने पर बेटा मिल सकता है। बहरहाल, बेटा नहीं मिल रहा। किसी को बुजुर्ग महिला पर दया आ रही है तो बिस्किट या कुछ खिला दे रहा है।

खजनी थाना क्षेत्र के नंदापार की बरफी देवी पत्नी छांगुर के चार बेटे हैं। पति जिंदा हैं लेकिन उन्होंने भी घर से निकाल दिया है। एक बेटा सुदर्शन है, जो बुजुर्ग मां की देखभाल करने लगा तो अन्य बेटों और बेटियों ने उसके और उसकी पत्नी के साथ मार-पीट की। खजनी थाने से भी न्याय नहीं मिला। अब दो दिनों से पुलिस ऑफिस बड़े साहब से मिलने के लिए परेशान है। इसी दौरान बरफी की मुलाकात यही पर दरोगा से हो गई। उन्होंने बिस्किट आदि खिलाया और खजनी पुलिस से बात कर यह भरोसा देते हुए वापस कर दिया कि जाएं पुलिस मदद करेगी। बुजुर्ग महिला ने बताया कि चार बेटों और तीन बेटियों में सिर्फ एक लड़का देखभाल करता है, वह भी चार दिनों से लापता है। मेरे बेटे को खोज दो।

बेटों पर नये कानून में हो सकती है छह महीने की सजा

भारतीय न्याय संहिता में बुजुर्ग मां बाप की देखभाल नहीं करने पर छह महीने की सजा का प्रावधान है। अधिवक्ता विश्वजीत त्रिपाठी बताते हैं कि नए कानून में ऐसे मामलों में केस दर्ज कर सजा का भी प्रावधान हैं। अगर कोई अपने ऐसे संबंधी का केयर नहीं करता है, जिसे पालने की जिम्मेदारी उसकी है तो फिर बीएनएस की धारा 357 के तहत पुलिस केस दर्ज कर सकती है। इसमें छह महीने की सजा या जुर्माना या दोनों का प्रावधान हैं।

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