Gorakhpur News: आखिर क्यो चर्चा में योगी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, सीईओ को तलाश पाएगी गोरखपुर पुलिस!

Gorakhpur News: दरअसल, यह कंपनी सीएम योगी आदित्यनाथ के नाम का उपयोग कर लोगों के ठगी कर रही है। बुलंदशहर से लेकर कानपुर के भाजपा कार्यकर्ताओं से ठगी के मामले सामने आ भी चुके हैं।

Update:2023-12-17 10:07 IST

गोरखपुर का कैंट थाना (Newstrack)

Gorakhpur News: योगी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया का नाम सुनते हर जेहन में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का चेहरा सामने आता है। देश में सर्वाघिक स्वीकार्य चुनिंदा नेताओं में शुमार योगी के हमनाम वाली यह कंपनी इन दिनों सुर्खियों में है। इसके कथित सीईओ की तलाश गोरखपुर, कानपुर से लेकर बुलंदशहर की पुलिस कर रही है। सवाल उठता है कि इस कंपनी का काम क्या है? पुलिस को इसके कथित सीईओ की तलाश क्यो हैं? क्या इसका सीईओ पुलिस की गिरफ्त में है?

दरअसल, यह कंपनी सीएम योगी आदित्यनाथ के नाम का उपयोग कर लोगों के ठगी कर रही है। बुलंदशहर से लेकर कानपुर के भाजपा कार्यकर्ताओं से ठगी के मामले सामने आ भी चुके हैं। अभी कितने लोग ठगी के बाद खामोशी ओढ़े हुए हैं, यह आने वाले दिनों में ही पता चलेगा। कंपनी कुछ दिन पहले बुलंदशहर की भाजपा नेत्री से ठगी को लेकर चर्चा में थी। इस बार कानपुर की भाजपा नेत्री द्वारा केस दर्ज कराने के बाद कंपनी सुर्खियों में है। कानपुर, सचंडी के गढ़ी भीमसेन की रहने वाली रंजना सिंह ने संस्था के सीईओ और निदेशक पर कैंट थाने में कूटरचित जालसाजी का केस दर्ज कराया है। रंजना सिंह भारतीय जनता पार्टी में मंडल मंत्री हैं। उनका कहना है कि रोजगार सेवक वाट्सएप ग्रुप पर उनको कुछ दिन पहले एक लिंक मिला। उस लिंक के माध्यम से वह योगी कारपोरेशन आफ इंडिया में जुड़ गईं। कुछ दिन बाद ग्रुप के संयोजक केदारनाथ ने फोन कर आधार कार्ड की कापी व फोटो और रुपये की मांग की। बताया गया कि इस ग्रुप का कानपुर नगर का प्रभारी बनाया जा रहा है। ग्रुप में योगी नाम का इस्तेमाल किया गया था लिहाजा भरोसा करके उन्होंने दस्तावेज भेज दिया, जिसके बाद कानपुर नगर प्रभारी के नाम से उनका पहचान पत्र वाट्सएप ग्रुप पर संस्था ने भेज दिया। फेसबुक पर उन्होंने पहचान पत्र को पोस्ट किया तो लोगों ने बताया कि यह फर्जी संस्था है। पहचान पत्र पर गोरखनाथ मंदिर का पता लिखा था। 

बुलंदशहर की भाजपा नेत्री को बुलाया गया था गोरखनाथ मंदिर

बुलंदशहर के शेखूपुर रौरा की रहने वाली रीना चौधरी के साथ भी ठगी हो चुकी है। कंपनी की तरफ से उन्हें फर्जी पत्र भेजकर 30 नवम्बर को गोरखपुर मठ कार्यालय पर बुलाया गया था। पत्र के अनुसार उन्हें नारी शक्ति विशेष पदाधिकारी के रूप में शपथ लेना था। रीना ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जनता दर्शन में पहुंच कर की तो कैंट पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था। हालांकि 15 दिन बाद भी पुलिस इस नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है कि इसमें कौन शामिल था। बताया जा रहा है कि रंजना की तरह एक दर्जन से ज्यादा लोग शिकार हुए हैं। पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में लिया है। माना जा रहा है कि कथित सीईओ योगी केदारनाथ बदला हुआ नाम है, असल नाम कुछ और है।

कथित सीईओ तक पहुंची पुलिस!

महिला भाजपा नेता रंजना सिंह की तहरीर पर कैंट पुलिस ने संस्था के सीईओ केदारनाथ और निदेशक हर्षनाथ के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया है। इस मामले को पुलिस ने गंभीरता से लिया और संस्था से जुड़े लोगों की तलाश शुरू हुई तो चौंकाने वाली जानकारियां सामने आ रही हैं। बताया जा रहा है कि योगी कारपोरेशन ऑफ इंडिया के नाम से फर्जी संस्था बनाकर और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और गोरखनाथ मंदिर के नाम का इस्तेमाल कर ठगी करने वाले जालसाज तक पुलिस पहुंच गई है। पुलिस ने इस मामले में कुछ लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। एसएसपी डा. गौरव ग्रोवर का कहना है कि जल्द ही खुलासा किया जाएगा।

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