पार्षद से राजनीति की शुरूआत, सात बार सांसद, ऐसा है मोदी 3.0 के संभावित मंत्री पंकज चौधरी का सियासी सफर

Gorakhpur: औद्योगिक घराने के पंकज चौधरी 10 जनवरी 1989 को पहली बार गोरखपुर नगर निगम के चुनाव में पार्षद चुने गए। एक साल बाद 1990 में गोरखपुर नगर निगम में डिप्टी मेयर की जिम्मेदारी मिली।

Update: 2024-06-09 09:58 GMT

मोदी 3.0 के संभावित मंत्री पंकज चौधरी का सियासी सफर (न्यूजट्रैक)

Gorakhpur News: मोदी 2.0 में यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के ठीक पहले केन्द्रीय वित्त राज्यमंत्री का दायित्व पाने वाले पंकज चौधरी नरेन्द्र मोदी के चाय पार्टी में शामिल रहे। संभावना है कि उन्हें अहम जिम्मेदारी मिल सकती है। पंकज चौधरी महराजगंज लोकसभा सीट से कांग्रेस के वीरेन्द्र चौधरी को हराकर सातवीं बार संसद पहुंचे हैं। पंकज ने सियासत की सफर गोरखपुर नगर निगम में पार्षद के चुनाव से शुरू की थी। कुर्मी बिरादरी के नेता माने जाने वाले पंकज ने इसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा।

औद्योगिक घराने के पंकज चौधरी 10 जनवरी 1989 को पहली बार गोरखपुर नगर निगम के चुनाव में पार्षद चुने गए। एक साल बाद 1990 में गोरखपुर नगर निगम में डिप्टी मेयर की जिम्मेदारी मिली। डिप्टी मेयर रहते हुए वर्ष 1991 में भाजपा के टिकट पर पहली बार महराजगंज लोकसभा चुनाव में उतरे। पंकज के साथ जिले में भाजपा का भी पहला चुनाव था। पहले ही चुनाव में महज 26 साल की उम्र में पंकज चौधरी कांग्रेस के पूर्व सांसद जितेन्द्र सिंह को 33527 मतों से हराकर पहली बार सांसद बने। वर्ष 1996 व 1998 के चुनाव में लगातार विजय हासिल कर जीत की हैट्रिक लगाई। वर्ष 1999 के चुनाव में सपा प्रत्याशी कुंवर अखिलेश सिंह से हार का सामना करने के बाद 2004 के चुनाव में वापसी करते हुए अखिलेश सिंह को हराकर जहां अपनी सीट छीन ली।

वहीं उन्होंने जीत का चौका भी लगाया। 2009 के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी हर्षवर्धन से पराजित हुए पंकज वर्ष 2014 व 2019 में सांसद बने। वर्ष 2019 के चुनाव में 3 लाख 40 हजार से सपा प्रत्याशी अखिलेश सिंह को हराकर चुनाव जीता। इस बार कांग्रेस के वीरेन्द्र चौधरी को कड़े मुकाबले में हराकर पंकज चौधरी सातवीं जीत हासिल करने में कामयाब हुए हैं। सात बार के सांसद पंकज चौधरी कुर्मी बिरादरी से आते हैं। कुर्मी व पटनवार बिरादरी की राजनीतिक दखल अति पिछड़े वर्ग में निर्णायक भूमिका में रहती है।

पंकज चौधरी की इस वर्ग में अच्छी पैठ है। पंकज को यूपी में 2022 में हुए विधानसभा चुनाव से ठीक पहले केन्द्रीय वित्त राज्यमंत्री बनाया गया था। उनके नेतृत्व में भारत-नेपाल सीटों से सटे जिलों से जन आशीर्वाद यात्रा निकली थी। चुनाव परिणाम में इस यात्रा की सफलता की झलक भी दिखी थी। गोरखपुर के हरीवंशराम गली में स्थित पैतृक आवास पर पंकज का जन्म हुआ था। पिता स्व. भगवती प्रसाद चौधरी का अपना कारोबार है। इंटर तक की पढ़ाई करने वाले पंकज 59 साल के हैं।

मां और भाई दोनों रहे जिला पंचायत अध्यक्ष

महराजगंज के जिला पंचायत की राजनीति भी पंकज चौधरी व उनके परिवार के इर्द-गिर्द ही घूमती रही है। जिला पंचायत में पंकज चौधरी के बड़े भाई स्व. प्रदीप चौधरी व उनकी मां उज्ज्वला चौधरी अध्यक्ष रह चुकी हैं। आरक्षण के चलते अगर कभी अध्यक्ष की सीट बदली तो कुर्सी पर चौधरी परिवार का कोई भरोसेमंद ही बैठा। वर्ष 2012 के जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में इंदिरा आवास की लाभार्थी धरमा देवी को जिला पंचायत अध्यक्ष निर्वाचित होने के पीछे पंकज चौधरी की सोशल इंजीनियरिंग थी।

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