गोरक्षनगरी में खुले में सांस लीजिये, स्वच्छ वायु सर्वेक्षण में गोरखपुर की रैंकिंग सुधरी, अब होगी करोड़ों की बारिश

Gorakhpur News: स्वच्छ वायु सर्वेक्षण-2024 में शीर्ष पर फिरोजाबाद, दूसरे स्थान पर अमरावती और तीसरे स्थान पर झांसी ने जगह बनाई। इलेक्ट्रिक वाहनों की कमी और लगातार चल रहे सिक्सलेन और फोरलेन के निर्माण कार्यों के कारण कुछ अंक कट गए।

Update: 2024-09-09 01:41 GMT

Gorakhpur News

Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में अब लोग खुले में सांस ले सकते हैं। इसकी वजह है प्रदूषण के स्तर में जबरदस्त सुधार। हालांकि यह सुधार बारिश के चलते है या फिर नगर निगम और प्रशासन के कवायदों के चलते कहना मुश्किल है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी स्वच्छ वायु सर्वेक्षण-2024 में 3 से 10 लाख तक की आबादी वाले देश के 43 शहरों में गोरक्षनगरी ने पिछले साल के मुकाबले 11वें स्थान से चौथे स्थान की छलांग लगाई है।

स्वच्छ वायु सर्वेक्षण-2024 में शीर्ष पर फिरोजाबाद, दूसरे स्थान पर अमरावती और तीसरे स्थान पर झांसी ने जगह बनाई। इलेक्ट्रिक वाहनों की कमी और लगातार चल रहे सिक्सलेन और फोरलेन के निर्माण कार्यों के कारण कुछ अंक कट गए। लिहाजा 2 अंक से तीसरा, 4.5 अंक से दूसरा और 6.5 अंक से पहला स्थान पाने में गोरक्षनगरी पिछड़ गया। नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल का कहना है कि स्वच्छ वायु सर्वेक्षण 2025 में गोरखपुर नगर निगम अच्छा परिणाम देगा। ई-व्हीकल मानक मुताबिक इलेक्ट्रिक वाहनों के परिचालन की कमी, इंफ्रास्ट्रक्चर सुधार के लिए चल रहे सिक्सलेन, फोरलेन समेत अन्य निर्माण कार्यो और कुछ अन्य मानकों की कटौती के कारण टॉप थ्री में नहीं आ पाए। आगे हम बेहतर करेंगे।

गोरखपुर को मिले 191.5 अंक

फिरोजाबाद नगर निगम 197 अंक, अमरावती को 195 अंक और झांसी को 193.5 अंक मिले। जबकि गोरखपुर नगर निगम ने 198 अंक का दावा किया था लेकिन 191.5 अंक ही मिले। इस कारण 3 लाख से 10 लाख तक की आबादी वाली श्रेणी में गोरखपुर को चौथा स्थान मिला। स्वच्छ वायु सर्वेक्षण-2023 में गोखपुर नगर निगम को सिर्फ 169 अंक मिले और वह 11वें पायदान पर रह गया था। इसके बाद इसमें सुधार हुआ। पहले, दूसरे और तीसरा पुरस्कार के रूप में क्रमश 75 लाख, 50 लाख और 25 लाख रुपये मिलते हैं।

स्वच्छ वायु के लिए मिल रहे हैं करोड़ों

स्वच्छ वायु के लिए अब तक मिले 116.32 करोड़ नान अटेनमेंट सिटी में शामिल होने के बाद महानगर की आबोहवा की गुणवत्ता सुधार के लिए वित्त वर्ष 2021-22 में 9.69 करोड़ रुपये नगर निगम को मिले। अब साल 2024-25 के लिए एक बार फिर 49.51 करोड़ रुपये मिले हैं। हालांकि नगर निगम पर करोड़ों रुपये की राशि के अपव्यय को लेकर भी आरोप झेलना पड़ रहा है।

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