Vinod Upadhyay: कौन संभालेगा माफिया विनोद उपाध्याय का साम्राज्य, गुर्गों की कुंडली खंगाल रही पुलिस

Vinod Upadhyay: विनोद का साम्राज्य संभालने वाले चेहरे के साथ ही पुलिस शव यात्रा में शामिल हुए चुनिंदा लोगों की कुंडली खंगालने में जुट गई है। पुलिस की रडार पर दो दर्जन से अधिक लोगों के आने की बात कही जा रही है।

Update: 2024-01-07 07:38 GMT

कौन संभालेगा माफिया विनोद उपाध्याय का साम्राज्य (सोशल मीडिया)

Vinod Upadhyay: सुल्तानपुर में मारे गए एक लाख रुपये के इनामी विनोद उपाध्याय का अंतिम संस्कार पांच साल के बेटे लड्डू के हाथों गोरखपुर के राप्ती तट पर हो गया। चिता का आग ठंडी होने भी नहीं पाई है और पुलिस अगले एक्शन को लेकर तैयार हो रही है। विनोद का साम्राज्य संभालने वाले चेहरे के साथ ही पुलिस शव यात्रा में शामिल हुए चुनिंदा लोगों की कुंडली खंगालने में जुट गई है। पुलिस की रडार पर दो दर्जन से अधिक लोगों के आने की बात कही जा रही है।

माफिया के अन्तिम संस्कार के बाद पुलिस विनोद के गैंग में शामिल रहे सदस्यों की वर्तमान क्या स्थिति को लेकर सक्रिय हो गई है। माना जा रहा है अब गैंग की कमान भाई संजय उपाध्याय संभाल सकता है। उसके खिलाफ भी कई आपराधिक मामले दर्ज है। पुलिस वैसे तो विनोद के करीबियों के खिलाफ पहले से कार्रवाई कर रही है। विनोद के करीबी रहे अजय गुप्ता की करोड़ों रुपये की सम्पत्ति भी पुलिस जब्त करा चुकी है। चर्चा है कि गैंग के अन्य सदस्यों की संपत्ति के बारे में जानकारी जुटाई जा रही हैं।

बता दें कि एसटीएफ ने गोरखपुर के शातिर अपराधी व प्रदेश स्तरीय माफिया एक लाख के इनामी विनोद उपाध्याय को सुल्तानपुर में गोपालपुरवा के पास शुक्रवार तड़के मुठभेड़ में मार गिराया था। शुक्रवार को पोस्टमार्टम के बाद उसकी पत्नी और साले शव लेने सुल्तानपुर पहुंचे थे। शुक्रवार देर रात करीब डेढ़ बजे विनोद का शव गोरखपुर के धर्मशाला बाजार स्थित उसके आवास पर पुलिस की निगरानी में ले आया गया। शनिवार सुबह करीब दस बजे राजघाट पर राप्ती तट पर अन्तिम संस्कार किया गया। हालांकि विनोद अंतिम संस्कार में परिवार के लोगों के साथ ही करीबी लोग ही शामिल हुए। विनोद जिन्हें राजनीतिक और आर्थिक सरंक्षण देता था उन्होंने भी अन्तिम संस्कार में दूरी बना रखी थी। जिले के बाहर के कुछ लोग जरूर शामिल हुए थे।

ये हैं विनोद के गैंग के सक्रिय सदस्य

गोरखपुर पुलिस ने माफिया विनोद के खिलाफ चार बार गैंगेस्टर की कार्रवाई की थी लेकिन अन्तिम कार्रवाई 2020 में हुई थी। कोतवाली पुलिस ने रंगदारी के एक मामले में केस दर्ज किया था। उसी मामले में बाद में गैंगस्टर की कार्रवाई हुई थी जिसमें विनोद के आलावा गीडा थाना क्षेत्र के नगवा जैतपुर निवासी कमलाकांत पाण्डेय, बेलीपार के हरदिया पिछौरा निवासी अजय गुप्ता, खोराबार के कजाकपुर निवासी दीपक यादव, लाजपत नगर हुमायूंपुर निवासी मनोज जायासवाल को गैंग का सदस्य बनाया था।

विनोद पर लखनऊ में दर्ज थे तीन मामले

बता दें कि गोरखनाथ थाने के हिस्ट्रीशीटर माफिया विनोद पर वर्ष 1999 में गोरखपुर के गोरखनाथ थाने में पहला केस दर्ज हुआ था। इसके बाद उसके खिलाफ पिछले साल तक 34 मुकदमे दर्ज हुए। इनमें तीन मुकदमे लखनऊ के हजरतगंज, विभूतिखंड व गोमतीनगर थाने में दर्ज हैं। विनोद जबसे फरार चल रहा था तब से आठ केस गोरखपुर दर्ज हुए थे सभी मामले में वह वांछित था। विनोद के खिलाफ चार बार गैंगस्टर की कार्रवाई हुई थी।

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