अमेठी: देश के भविष्य के साथ खिलवाड़, सरकारी स्कूल में बच्चों से लगवा रहें झाड़ू

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी एवं केंद्रीय मंत्री स्मृति जैसे दो वीआईपीज़ के इलाके में जिस तरह सरकारी स्कूलों में जिस तरह बच्चों के भविष्य के साथ आए दिए खिलवाड़ हो रहा है। शायद ही आपको ऐसा किसी और क्षेत्र में देखने को मिलेगा।

Update:2017-10-09 16:14 IST

अमेठी: कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी एवं केंद्रीय मंत्री स्मृति जैसे दो वीआईपीज़ के इलाके में जिस तरह सरकारी स्कूलों में जिस तरह बच्चों के भविष्य के साथ आए दिए खिलवाड़ हो रहा है।

यहां मुसाफिरखाना के चुंदीपुर प्राइमरी स्कूल में टीचरों ने बच्चों को स्कूल में झाड़ू लगानें की ड्यूटी पर लगा दिया। इत्तेफाक से ये तस्वीरें newstrack.com की टीम के कैमरे में कैद हो गई।

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मुसाफिरखाना तहसील के चुंदीपुर प्राइमरी स्कूल का मामला

सोमवार की सुबह टीम जब मुसाफिरखाना तहसील के चुंदीपुर प्राइमरी स्कूल के पास पहुंची तो यहां की तस्वीरें देख प्राइमरी स्कूलों में योगी सरकार की बेहतर शिक्षा मुहैया कराने की पोल खुल गई। आलम ये था कि स्कूल के टीचर्स मौजूद नहीं थे, लेकिन इनके निर्देश पर बच्चे ड्रेस पहने हुए हाथों में झाडू लिए स्कूल की सफाई में जुटे थे। बच्चों की मानें तो आज वो कोई पहली बार ये काम नहीं कर रहे बल्कि ये उनकी रोज़ की दिनचर्या में है।

अगस्त और सितंबर माह में भी देखने को मिलीं हैं ऐसी तस्वीरें

वैसे सनद रहे कि अमेठी जनपद में प्राइमरी स्कूलों में इस तरह की आज ये कोई पहली कहानी नहीं है। बल्कि हर महीने और हर दिन ऐसी तस्वीरें आपको देखने को मिल सकती हैं। 4 अगस्त को जिले के संग्रामपुर ब्लाक के जरौटा प्राइमरी स्कूल में बच्चों के झाड़ू लगाते और एमडीएम के बर्तन धोने की तस्वीरें चर्चा का विषय बनी थीं। इसके बाद 11 सितंबर को जिले के मनकापुर प्राइमरी स्कूल में स्कूली बच्चों से क्लास रूम साफ कराने की तस्वीर सामने आई थी।

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स्कूलों की सफाई के लिए सरकार ने ये रखा है प्राविधान

हैरान की बात यह है कि योगी सरकार बनने के बाद प्राइमरी स्कूल के क्लास रूम की साफ-सफाई के लिए एमडीएम बनाने वाली रसोईया को तो स्कूल के बाहर सफाई के लिए नगरपालिका, नगर पंचायत और गांव की सफाई करने वाले सफाई कर्मियों को तैनात किया गया है। बावजूद इस निर्देश को ताक पर रख पढ़ने वाले बच्चों को ये ज़िम्मेदारिया सौंपी गई हैं।

डीएम ने दिया रटा रटाया जवाब

इससे भी ज़्यादा हैरान करने वाली बात ये है कि पूर्व के दो अलग-अलग प्रकरण की तस्वीरों को देखने के बाद डीएम योगेश कुमार ने कार्रवाई की बात कही थी और आज फिर उन्होंने वही बात दोहराई। लेकिन बड़ा सवाल ये जब पूर्व के प्रकरण पर आज तक कार्रवाई नहीं हो सकी हो सकी तो आगे क्या वाक्यन कार्रवाई होगी? आखिर कब तक डीएम बच्चों से स्कूलों की सफाई कराते रहेंगे। इस बात का जवाब अतीत के गर्त में है।

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