राज्यपाल रामनाईक: राजभवन की शोभा बढ़ाते हैं रक्त दान और दधीचि सम्मान समारोह
राज्यपाल राम नाईक रविवार (1 अक्टूबर) को राजभवन में केजीएमयू के मेडिसिन विभाग की तरफ से आयोजित स्वैच्छिक रक्तदान शिविर की शुरूआत कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने कहा कि रक्त, रक्त ही होता है चाहे वह किसी भी धर्म, जाति, सम्प्रदाय अथवा अमीर या गरीब का हो। सबका रक्त एक समान होता है उसमें किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं होता है।
लखनऊ: राज्यपाल राम नाईक रविवार (1 अक्टूबर) को राजभवन में केजीएमयू के मेडिसिन विभाग की तरफ से आयोजित स्वैच्छिक रक्तदान शिविर की शुरूआत कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने कहा कि 'रक्त, रक्त ही होता है चाहे वह किसी भी धर्म, जाति, सम्प्रदाय अथवा अमीर या गरीब का हो। सबका रक्त एक समान होता है उसमें किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं होता है।'
इस तरह के शिविर लगाकर सदियों से चली आ रही भ्रांतियों को दूर किया जाए ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग रक्तदान के लिए प्रेरित हों। जितना अधिक रक्तदान किया जाएगा उतनी ही अधिक संख्या में लोगों की जान बचाई जा सकेगी। रक्तबैंकों की भी ठीक से देखभाल की जाए, ताकि उसमें किसी भी प्रकार की गड़बड़ी न की जा सके। इसमें हेर-फेर सबसे बड़ा पाप होता है।
कई तरह के होते हैं दान
राज्यपाल रामनाईक ने कहा कि दान कई तरह के होते हैं, जैसे—अंगदान, नेत्रदान, देहदान और भूदान आदि पर इसमें सबसे बड़ा दान रक्तदान होता है। इससे मनुष्यों को नया जीवन मिलता है। यह सबसे आसान दान होता है। इस तरह के कार्यक्रम से राजभवन की शोभा बढ़ती है। अभी कुछ दिन पहले भी दधीचि सम्मान समारोह का आयोजन राजभवन में किया गया था। समाज के उपयोगी कामों में राजभवन का सहयोग जरूरी है।