मौत के बाद भी 5 लोगों में जिंदा रहेगी गोरखपुर की 22 साल की दीक्षा

Update: 2016-08-13 00:22 GMT

लखनऊः सड़क हादसे में घायल हुई युवती के ब्रेन डेड हो जाने के बाद उसका लीवर प्रत्यारोपण के लिए दिल्ली पहुंचाने की खातिर शुक्रवार रात राजधानी पुलिस ने किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी से एयरपोर्ट तक ग्रीन कॉरिडोर बनाया। रिकॉर्ड 18 मिनट में लिवर को एयरपोर्ट पहुंचाने में सफलता मिली। मृत युवती की किडनियां लखनऊ के एसजीपीजीआई और आंखों का कॉर्निया केजीएमयू के आई बैंक को प्रत्यारोपण के लिए दिया गया है। इससे पहले जब भी ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया तो केजीएमयू से एयरपोर्ट पहुंचने में 22 से 24 मिनट तक लगे थे।

18 मिनट में लिवर पहुंचा एयरपोर्ट

गोरखपुर के मायाबाजार में रहने वाले अनिल श्रीवास्तव और रेणु की 22 साल की बेटी दीक्षा को शुक्रवार शाम साढ़े चार बजे ट्रॉमा सेंटर में ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया। वह बीते 9 अगस्त को गोमतीनगर के वेव मॉल के पास सड़क पार करते हुए तेज रफ्तार वाहन की चपेट में आ गई थी। डॉक्टरों ने इसके बाद अनिल और बाकी घरवालों को समझाया कि बेटी के अंग दान करके उससे वे दूसरे मरीजों को नई जिंदगी दे सकते हैं। अनिल और रेणु इस पर तैयार हो गए। तुरंत सर्जरी कर दीक्षा का लीवर, दोनों किडनियां और आंखों के कॉर्निया निकाले गए। ट्रैफिक पुलिस को सूचना दी गई। इस पर पुलिस ने ग्रीन कॉरिडोर बनाने का फैसला किया। ये अंग 5 लोगों में प्रत्यारोपित किए जाएंगे।

रात 9:10 बजे चला लिवर 9:28 पर एयरपोर्ट पहुंचा

दीक्षा का लिवर, किडनी और आंखों का कॉर्निया निकालने के बाद फैसला किया गया कि लिवर को दिल्ली के इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बिलियरी साइंसेज को भेजा जाएगा। लिवर को लेकर एंबुलेंस रात 9 बजकर 10 मिनट से केजीएमयू से रवाना हुई। 9 बजकर 13 मिनट पर एंबुलेंस ने परिवर्तन चौक पार किया। अगले तीन मिनट में एंबुलेंस हजरतगंज चौराहे पर थी। जहां से 9 बजकर 18 मिनट पर लालबत्ती चौराहा और 9 बजकर 25 मिनट पर बाराबिरवा चौराहा पार करते हुए वह 9 बजकर 28 मिनट पर एयरपोर्ट पहुंची।

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