Sonbhadra: 622 किमी दूरी तय करेगी गुप्तकाशी दर्शन पर निकली साधू-संतों की टोली

Sonbhadra: गोठानी स्थित संगम तट पर स्थित सोमनाथ महादेव के पास से जल लेकर जहां यात्रा की शुरूआत की जाएगी। वहीं आखिरी दिन वाराणसी में बाबा विश्वनाथ के जलाभिषेक के साथ कार्यक्रम का समापन किया जाएगा।

Update: 2022-07-11 14:20 GMT

Guptakashi yatra 2022 (image: social media)

Sonbhadra: जिले में पांच अगस्त यानी श्रावण मास शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से निकलने वाली पांच दिवसीय गुप्तकाशी दर्शन यात्रा को लेकर तैयारियां तेज हो गई है। साधू-संतो के टोली की अगुवाई में निकलने वाली यात्रा, पांच दिन तक सोनभद्र के विभिन्न धार्मिक स्थलों, खासकर भगवान शिव के साधना से जुड़ों स्थलों की यात्रा करते हुए 622 किमी की दूरी तय करेगी।

गोठानी स्थित संगम तट पर स्थित सोमनाथ महादेव के पास से जल लेकर जहां यात्रा की शुरूआत की जाएगी। वहीं आखिरी दिन वाराणसी में बाबा विश्वनाथ के जलाभिषेक के साथ कार्यक्रम का समापन किया जाएगा। इसको लेकर तैयारियां तेज कर दी गई हंै। वहीं सोमवार को यात्रा के रूट को फाइनल टच देने के साथ ही, आयोजन को लेकर रणनीति बनाई गई। ओमकारेश्वर घाटी और कंडाकोट जाने वाले रास्तों को दुरूस्त कराने के लिए सीडीओ से मिलकर पत्रक भी सौंपा गया।


बताते चलें कि पिछले सात सालों से सोनभद्र में गुप्तकाशी दर्शन यात्रा निकाली जा रही है। साल दर साल जहां इससे जुड़ेने वाले साधू-संतोें और श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती जा रही है। वहीं इसका दायरा भी विस्तृत होता जा रहा है। यात्रा की अगुवाई कर रहे गुप्तकाशी सेवा ट्रस्ट के संयोजक रवि चैबे ने बताया कि यात्रा की शुरूआत पांच अगस्त को गोठानी स्थित सोन, रेणुका, बिजुल नदी के संगम स्थल से जल उठाकर की जाएगी।

पांच अगस्त से दस अगस्त तक चलने वाली इस यात्रा में साधू-संत और श्रद्धालुओं की टोली 622 किमी दूरी तय करेगी। जिले के धार्मिक स्थलों की दर्शन यात्रा पूरी करने के बाद, सीताराम आश्रम पकरी सेवार, प्रयागराज में पूजन-अर्चन और वाराणसी बाबा विश्वनाथ धाम में दर्शन-पूजन अभिषेक के बाद यात्रा का समापन किया जाएगा।


41 शिव मंदिरों-धार्मिक स्थलों से होकर गुजरेगी गुप्तकाशी दर्शन यात्रा

आयोजन समिति के संपादकीय प्रमुख धर्मेंद्र पांडेय राजू ने बताया कि पांच अगस्त से दस अगस्त तक चलने वाली यात्रा 41 धार्मिक स्थलों से होकर गुजरेगी। पहले दिन गोठानी स्थित त्रिवेणी संगम से जल लेकर सोमनाथ महादेव, अगोरी दुर्ग स्थित मां दुर्गा मंदिर, ओबरा स्थित भूतेश्वर दरबार, सलईबनवा स्थित अमर गुफा, अचलेश्वर महादेव डाला होते हुए ओमकारेश्वर घाटी स्थित महामंगलेश्वर धाम पहुंचेगी। दूसरे दिन की यात्रा चेरूई स्थित महादेव मंदिर, मछरमारा स्थित बाबा मत्स्येंद्रनाथ तपोस्थली, बैजनाथ गांव स्थित महादेव, अमिला धाम, पिंडाली स्थित गुप्तानाथ, कंठा पहाड़ स्थित गौ माता मंदिर पहुंचेगी।


तीसरे दिन महुली स्थित गुफा, भित्तिचित्र, मंदिर में दर्श, चिचलिक में कुठिलवा मुनि आश्रम, सोमा में धरती माता मंदिर, रामपुर में दर्शन-पूजन, घाघर नदी तट स्थित ऋणमुक्तेश्वर महादेव, सतपोखरिया महादेव, महदेवा महादेव, नलेश्वर महादेव, दिवानीचुआं स्थित गंगोत्री कुंड का दर्शन-पूजन किया जाएगा। चैथे दिन यात्रा छिपातली शिव मंदिर, वैनी में पूजन, बिछिया में शिवलिंग पूजन, मातेश्वर महादेव सेमरिया, बाघेश्वरनाथ, शिवाला स्थित सिद्धेश्वर महादेव, मउ कला स्थित सहस्त्रमुखी शिवलिंग का दर्शन-पूजन होगा।


पांचवें दिन विजयगढ़ दुर्ग स्थित यक्ष सरोवर, गणेश मंदिर, पंचमुखी महादेव, मारकंडेय ऋषि तपोस्थल, कंडाकोट, बरैला महादेव, गौरीशंकर महादेव होते हुए शिवद्वार धाम पहुंचेगी। छठें दिन की यात्रा यहां से निकलकर बरकन्हरा, देवगढ़, मुक्खाफाल में सीता माता मंदिर, ग्राम देवता आदि का पूजन करते हुए प्रयागराज जिले के सीताराम आश्रम पकरी सेवार पहुंचेगी। यहां पूजन-अर्चन के बाद वाराणसी में बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक कर समापन कर दिया जाएगा। उधर, आयोजन से जुड़े भाजयुमो काशी क्षेत्र के मीडिया प्रभारी विपिन तिवारी, संत ध्यानानंद गिरी महाराज जी, यूथ आईकॉन सौरभकांतपति तिवारी ने सीडीओ से मिलकर गुप्तकाशी दर्शन यात्रा के लिए आमंत्रित किया और उन्हें पत्रक सौंप कंडाकोट और मंगलेश्वर धाम जाने वाले रास्ते की मरम्मत कराए जाने की मांग की।

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