Hapur News: गंगा के उफान में बह गईं अन्नदाताओं की फसल, जलस्तर में 7 सेंटीमीटर की गिरावट आई

Hapur News: गंगा का जलस्तर बढने से हर साल खादर क्षेत्र के किसानों की करोड़ों रुपये की फसल गंगा में बह जाती हैं, लेकिन फिर भी बांध बनाएं जाने के लिए खादर क्षेत्र के लोग अपनी आस टूटने नहीं देते हैं।

Report :  Avnish Pal
Update: 2024-08-10 09:35 GMT

गंगा के उफान में बह गईं अन्नदाताओं की फसल   (फोटो: सोशल मीडिया )

Hapur News: गंगा नदी पिछले कई दिनों से उफान पर है, जो पिछले कई दिनों से येलो अलर्ट के निशान के आसपास बह रही है। दो दिन पहले ही गंगा ने येलो अलर्ट पार कर दिया था। जिससे खादर क्षेत्र के हजारों किसानों की करोड़ों रुपये की फसल गंगा में बह गई हैं। वहीं खादर क्षेत्र के ग्रामीणों में दशकों से बांध के बनने की आस लगी हुई हैं, लेकिन दशकों बीत जाने के बाद बांध की आस पूरी नहीं हुई हैं। जिससे गंगा का जलस्तर बढऩे से हर साल खादर क्षेत्र के किसानों की करोड़ों रुपये की फसल गंगा में बह जाती हैं, लेकिन फिर भी बांध बनाएं जाने के लिए खादर क्षेत्र के लोग अपनी आस टूटने नहीं देते हैं। उन्हें उम्मीद है कि कोई तो नेता भगीरथ बनकर बांध बनाएं जाने की आस को पूरा करेगा। जिसके बाद खादर क्षेत्र के जंगलों में फसल पानी में नहीं बहेगी।

ग्रामीणों नें लगाये यह आरोप

ग्रामीण संजय, सुबोध, मनोज का कहना है कि सिर्फ चुनाव के समय विधायक व सांसद प्रत्याशियों को बांध का मुद्दा याद रहता है, लेकिन चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद कोई भी जनप्रतिनिधि विधानसभा और संसद में बांध बनाएं जाने का प्रस्ताव भी नहीं रखता हैं। जिससे ग्रामीणों को हर बार मायूसी का सामना करना पड़ता हैं। खादर क्षेत्र में हर साल करोड़ों रुपये की धान, सब्जी बह जाती है, जिससे किसान की मेहनत पर पानी फिर जाता है, जिसके बाद किसान संगठन प्रशासन से मुआवजे की मांग को लेकर ज्ञापनबाजी करते हैं, लेकिन अंत में किसान को कुछ हाथ नहीं लग पाता है।

सात सेंटीमीटर गिरावट आई

शुक्रवार को गंगा का जलस्तर में सात सेंटीमीटर में कमी दर्ज की गईं। बाढ़ नियंत्रण कक्ष के अनुसार बृहस्पतिवार की शाम तक गंगा का जलस्तर 198.62 मीटर था। वहीं शुक्रवार को सात सेंटीमीटर की गिरावट आने के बाद 198.55 मीटर हो गया है। लेकिन येलो अलर्ट से सिर्फ 12 सेंटीमीटर दूर है, यदि येलो अलर्ट पार होता है तो किसानों के लिए गंगा आफत बनकर बहेगी। एसडीएम साक्षी शर्मा का कहना है कि जल स्तर में गिरावट आई है, गांवों में लगातार निरीक्षण किया जा रहा है, बाढ़ जैसी स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन ने पूरी तैयारी की हुई है।

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