Hapur News: बुखार ने ली किशोरी की जान, झोलाछाप से चल रहा था उपचार

Hapur News: गांव अयादनगर दक्षिण की रहने वाले सोनू उर्फ सोनपाल मजदूरी कर अपने परिवार का भरण पोषण करता है। उन्होंने बताया कि उसकी पुत्री निशिका (13) को चार दिन पूर्व बुखार आया था।

Report :  Avnish Pal
Update:2024-09-16 12:20 IST

हापुड़ में बुखार ने ली किशोरी की जान (न्यूजट्रैक)

Hapur News: बुखार अब धीरे-धीरे जानलेवा साबित होने लगा है। हाल ही में बाबूगढ़ के रहने वाले एक युवक की बुखार से मौत हुई ही थी कि अब देर रात अयादनगर दक्षिण की रहने वाली किशोरी की बुखार ने जान ले ली। किशोरी का गांव में ही दुकान करने वाले झोलाछाप के यहां पर उपचार चल रहा था। झोलाछाप ने किशोरी की बिना कोई जांच कराए ही उपचार शुरू कर दिया था, लेकिन उसकी हालत में सुधार नहीं आ सका था।

पिता ने बताई आप बीती

गांव अयादनगर दक्षिण की रहने वाले सोनू उर्फ सोनपाल मजदूरी कर अपने परिवार का भरण पोषण करता है। उन्होंने बताया कि उसकी पुत्री निशिका (13) को चार दिन पूर्व बुखार आया था। बुखार आने पर सोनू ने उसका उपचार गांव में एक झोलाछाप के यहां पर उपचार शुरू कराया था। चाद दिन तक लगातार झोलाछाप की दवाई चलती रही, लेकिन बुखार को आराम नहीं आया। देर रात निशिका को तेज बुखार आया। जिसके कारण उसके शरीर में बेचैनी बढ़ गई और वह चिल्लाने लगी। आनन फानन में परिजन उसे हापुड़ के निजी अस्पताल में उपचार कराने के लिए लेकर गांव से चल दिए, लेकिन रास्ते में ही निशिका ने दम तोड़ दिया। सूचना पर परिवार में कोहराम मच गया। उन्होंने बताया कि उनकी बेटी को प्रतिदिन सर्दी से बुखार चढ़ता था, लेकिन जो उपचार कर रहा था, उसने किसी प्रकार की कोई जांच नहीं कराई।

झोलाछापों का मकड़जाल दिन प्रतिदिन जिले में बढ़ता ही जा रहा है। बुखार होने पर न तो वह कोई जांच कराते हैं और न ही वह इसके लिए कोई सलाह देते हैं। वह सीधा दवाई देना शुरू कर देते हैं। यदि मरीज की हालत बिगड़ती है तो उसे किसी अच्छे अस्पताल जाने के लिए बोल देते हैं। इसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी हाथ पर हाथ रखे बैठे रहते हैं। अधिकारी इन पर कार्रवाई के नाम पर केवल नोटिस देकर खानापूर्ति कर देते हैं।

लाल-पीली गोली व सीरप देकर कर रहे उपचार

झोलाछाप उनकी दुकान पर आने वाले मरीजों को वही लाल-पीली गोली और सीरप देकर उनका उपचार करने का काम करते हैं। उनके पास रखीं दवाइयां न तो किसी रेपर में होती हैं और न ही किसी डिब्बी में बंद होती हैं। खुले में रखी गोलियों को वह पीसकर मरीजों को दे देते हैं। उन दवाइयों में वह स्टोराइड देने का काम करते हैं। जो मरीजों की सेहत के लिए भी बेहद खतरनाक साबित होता है। ऐसे प्रतिदिन अस्पतालों में मरीज पहुंच रहे हैं।

परिजनों के स्वास्थ्य की कराई जाएगी जांच

सीएमओ डाक्टर सुनील कुमार त्यागी का कहना है, कि फिलहाल किशोरी की मौत के संबंध में जानकारी प्राप्त नहीं हो सकी है। गांव में जाकर उसके परिजनों के स्वास्थ्य की भी जांच कराई जाएगी। इसके अलावा गांव में शिविर का भी आयोजन कराया जाएगा। झोलाछाप के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

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