Hapur News: सरकारी विभागों पर मेहरबान बिजली महकमा, 9.45 करोड़ ऐसे कर रखा है दान!
Hapur News: जल्द बिल जमा करने की हिदायत, नहीं तो कनेक्शन काटने की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। डीएम को भी इससे अवगत कर दिया है।
Hapur News: ऊर्जा निगम के कई सरकारी विभाग कर्जदार हैं। पंचायती राज पेयजल, पंचायती राज भवन,पंचायती राज विद्यालय, चिकित्सा विभाग और पशुधन आदि पर 9.45 करोड़ रुपये बकाया हैं। विद्युत निगम के अधिशासी अभियंता मनोज कुमार ने बताया कि सभी विभागों के अध्यक्षों को नोटिस जारी किया। साथ ही कहा की जल्द बिल जमा करा दें, नहीं तो उनका कनेक्शन काटने की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। डीएम को भी इससे अवगत कर दिया है।
निजी उपभोक्ताओं पर भी ऊर्जा निगम का 20 करोड़ बकाया
ऊर्जा निगम के वसूली अभियान में सरकारी विभाग ही रोड़ा बने हुए हैं। जनपद के सरकारी विभागों पर ऊर्जा निगम की 9.45 करोड़ की बकायेदारी है। इसमे पंचायती राज विभाग पर चार करोड़ से ज्यादा का बिल बकाया है। स्वास्थ्य विभाग ने भी 93 लाख का भुगतान रोका हुआ है। राजस्व विभाग का बिल भी 49 लाख पहुंच गया है। नोटिस जारी के बावजूद भी इन विभागों से पैसा जमा नहीं हो पा रहा है। निजी उपभोक्ताओं पर भी ऊर्जा निगम का 20 करोड़ से ज्यादा का बकाया है।
अधिकारियों की सर्विस बुक पर पड़ेगा असर
राजस्व वसूली के लिए ऊर्जा निगम के स्थानीय अधिकारियों का एक अनुबंध भी हुआ है। इसके सापेक्ष उन्हें हर महीने वसूली का लक्ष्य दिया जा रहा है। इसमें सफल नहीं होने वाले अधिकारियों की सर्विस बुक में भी बेड एंट्री होनी है। जिसको लेकर अधिकारी प्लान तैयार कर राजस्व वसूली का हर संभव प्रयास में जुटे हुए हैं। लेकिन जनपद में 36 सरकारी विभागों पर 9.45 करोड़ की बकायेदारी हो गई है, जिसकी रिकवरी अफसरों के गले की फांस बनी हुई है। माध्यमिक व उच्च शिक्षा ने समस्त भुगतान कर दिया है। लेकिन प्राथमिक शिक्षा शहरी की बात करें तो इस पर 25.80 लाख का बिल बकाया है। सबसे अधिक बकायेदारी पंचायत भवन, विद्यालयों के बिल शामिल हैं।निजी उपभोक्ताओं की तो आरसी जारी कर दी जाती है। लेकिन इन विभागों का ऊर्जा निगम के अधिक कुछ नहीं कर पा रहे है। इन विभागों से इस बकायेदारी के सापेक्ष अप्रैल माह में सिर्फ 51 लाख की ही वसूली हो सकी है।
जनपद में विभागों पर बकायेदारी की स्थिति
विभाग बकाया बिल
पंचायती राज भवन 22.58 लाख
पंचायती राज पेयजल 2.76 करोड़
पंचायती राज विद्यालय 112.53 करोड़
चिकित्सा विभाग 93.98 लाख
पशुधन विभाग 72 लाख
राजस्व विभाग 49 लाख
प्राथमिक शिक्षा शहरी 25.80 लाख