Hapur: जनपद में बढ़ी साइबर अपराध की रफ्तार, अपराधियों पर शिकंजा कसने में जुटी पुलिस

Hapur: साइबर अपराध के अलावा अन्य मसलों पर भी लोगों को जागरूक किया जाएगा। साइबर टीम द्वारा प्रतिदिन अलग-अलग विषय पर कानूनी विषयों की जानकारियां साझा करने की पहल की जा रही है।

Report :  Avnish Pal
Update: 2024-04-07 07:55 GMT

जनपद में बढ़ी साइबर अपराध की रफ्तार (न्यूजट्रैक)

Hapur News: पुलिस ने बढ़ते साइबर अपराध पर शिकंजा कसने के लिए अब सोशल मीडिया को अपना हथियार बनाकर नई पहल की है। इसका मकसद लोगों में अपराधों के प्रति विधिक जागरुकता लाना है, ताकि लोग कानून और अपने अधिकार को समझें और दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई के लिए अपने कदम बढ़ाएं। साइबर अपराध के अलावा अन्य मसलों पर भी लोगों को जागरूक किया जाएगा। साइबर टीम द्वारा प्रतिदिन अलग-अलग विषय पर कानूनी विषयों की जानकारियां साझा करने की पहल की जा रही है।

9.62 करोड़ रूपये की हुई थी ऑनलाइन की ठगी

बता दें कि घर के बिजली के बिल भरने से लेकर, एक खाते से दूसरे खाते में रुपया ट्रांसफर तक की व्यवस्था को मल्टीमीडिया मोबाइल व इंटरनेट ने सहज किया है। इसके उपयोग के साथ-साथ साइबर फ्राड के मामले भी बढ़ने शुरू हो गए हैं। पुलिस का कहना है कि लोग टेक्नालाजी का उपयोग करें, यह अच्छी बात है, लेकिन उसके साथ-साथ सतर्कता भी बरतें।पुलिस के आकड़ो के अनुसार वर्ष 2022 से अब तक लोंगो से 9.62 करोड़ रूपये की साइबर ठगो नें ऑनलाइन ठगी की थी। साइबर सेल टीम और पुलिस नें ठगी के शिकार लोगो को 91.22 लाख रूपये लोटाए है।

2022-23 साल में ठगी और पुलिस की कार्रवाई 

वर्ष 2022 में जनपदवासियों से करीब तीन करोड़ एक लाख रूपये की साइबर ठगी हुई। वही पुलिस नें 39.90 लाख रूपये वापस कराएं थे। वर्ष 2023 में 5.10 करोड़ रुपयों की ठगी हुई थी। इस रकम में से पुलिस नें 41.32 लाख रूपये वापस कराए। वही, वर्ष 2024 में अब तक 1.50 करोड़ रूपये की ठगी हो चुकी है। जिनमें से पुलिस दस लाख रूपये वापस करा चुकी है।

क्या बोले साइबर सेल के थाना प्रभारी

साइबर थाना प्रभारी नजीर अली नें बताया कि,किसी का फर्जी प्रोफाइल बनाना अपराध आईपीसी की धारा 419 के तहत और आईटी एक्ट 2000 की धारा 66-डी के तहत दंडनीय अपराध है। फर्जी प्रोफाइल बनाने के अपराध में दोषी को तीन साल तक की सजा व जुर्माना हो सकती है। यदि इंटरनेट मीडिया पर फर्जी प्रोफाइल के शिकार हैं, तो इसकी सूचना अपने संबंधित पुलिस स्टेशन को दें। साइबर अपराध के अलावा अन्य प्रासंगिक विषयों पर लोगों को जागरूक किया जाएगा।

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