Hapur: देवनंदिनी अस्पताल का कारनामा, आयुष्मान कार्ड के बावजूद उपचार से इंकार
Hapur News: नगर के मोहल्ला निवासी व्यक्ति अपने वृद्ध पिता का देवनंदिनी अस्पताल में आयुष्मान कार्ड लेकर उपचार कराने पहुंचा तो उससे नि:शुल्क उपचार करने से इंकार कर दिया गया।
Hapur News: केंद्र व प्रदेश सरकार की महत्वपूर्ण व गरीब लोगों के लिए मदद के लिए चलाई गई आयुष्मान योजना को प्राइवेट अस्पताल पलीता लगा रहे हैं। नगर के मोहल्ला निवासी व्यक्ति अपने वृद्ध पिता का देवनंदिनी अस्पताल में आयुष्मान कार्ड लेकर उपचार कराने पहुंचा तो उससे नि:शुल्क उपचार करने से इंकार कर दिया गया। अब पीड़ित ने मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल व सीएमओ से शिकायत कर पिता का नि:शुल्क उपचार कराने की गुहार लगाई है।
सरकार ने इन पात्र लोगों के लिए की थी यह योजना
सरकार ने आयुष्मान योजना की शुरूआत इसलिए की थी कि गरीबी रेखा से नीचे वाले लोगों को सरकारी समेत प्राइवेट अस्पतालों में निश्शुल्क बेहतर उपचार मिल सके। योजना के अंतर्गत पात्रों को प्रतिवर्ष पांच लाख रुपये तक का नि:शुल्क उपचार मिल सकता है, लेकिन प्राइवेट अस्पताल संचालक पात्रों का नि:शुल्क उपचार करने से साफ इंकार कर देते हैं। ऐसे मामले जिले में लगातार सामने आते रहे हैं। पिछले वर्ष डीएम ने ऐसे अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई भी की थी। अब फिर से ऐसा ही मामले एक ओर बार सामने आया है।
पीड़ित ने लगाया अस्पताल संचालक पर आरोप
मोहल्ला नया इंद्रगढ़ी निवासी छोटू ने शिकायत की है कि वह बाइक का मिस्त्री है और बाइक की रिपेयरिंग कर अपने परिवार का भरण पोषण करता है। उसके परिवार के सदस्यों के आयुष्मान कार्ड बने हुए हैं। शुक्रवार को उसके वृद्ध पिता धर्मवीर की अचानक तबीयत खराब हो गई थी। तबीयत खराब होने पर वह आयुष्मान कार्ड लेकर योजना के पैनल में जुड़े देवनंदिनी अस्पताल में लेकर पहुंचा था। यहां पर चिकित्सकों ने उनकी सीटी स्कैन समेत तमाम जांच कराने के लिए कहा। इस पर उसने चिकित्सक को आयुष्मान कार्ड दिखा दिया। पीड़ित ने आरोप लगाया है कि चिकित्सक ने योजना के तहत कोई भी जांच और उपचार करने से इंकार कर कार्ड को अमान्य बता दिया। अब उसने मुख्यमंत्री से अपने वृद्ध पिता की जीवनरक्षा के लिए आवश्यक कार्रवाई करने के लिए मांग की है।
मरीज को रक्तचाप की थी परेशानी
देवनंदिनी के डायरेक्टर डाक्टर श्याम कुमार का इस संबंध में कहना है कि मरीज को उच्च रक्तचाप की परेशानी थी। उच्च रक्तचाप में मरीज भर्ती करने की आवश्यकता नहीं होती है। योजना के अंतर्गत नि:शुल्क उपचार भर्ती होने पर ही मरीज को दिया जाता है। मरीज को दवाई देकर परामर्श दे दिया गया था।
मामले की कराई जाएगी जांच
सीएमओ डाक्टर सुनील कुमार त्यागी का कहना है कि इस संबंध में अभी उन्हें कोई जानकारी प्राप्त नहीं हो पाई है। शिकायत प्राप्त होते ही मामले की जांच कराई जाएगी। जांच में दोषी पाए जाने पर आगामी कार्रवाई की जाएगी। लाभार्थी पात्रों को नि:शुल्क उपचार दिलाया जाएगा।