Hapur: प्लाईवुड फैक्ट्रियों में हो रहा यूरिया का प्रयोग, जांच को भेजा गया सैंपल

Hapur: किसानों के उपयोग में आने वाला यूरिया प्लाईवुड फैक्ट्री में खुलेआम इस्तेमाल हो रहा है। अनुदानित कृषि यूरिया का इस्तेमाल खेती के लिए किया जाता है।

Report :  Avnish Pal
Update: 2024-08-06 07:23 GMT

हापुड़ में प्लाईवुड फैक्ट्रियों में हो रहा यूरिया का प्रयोग (न्यूजट्रैक)

Hapur News: किसानों के उपयोग में आने वाला यूरिया प्लाईवुड फैक्ट्री में खुलेआम इस्तेमाल हो रहा है। अनुदानित कृषि यूरिया का इस्तेमाल खेती के लिए किया जाता है। जिस पर सरकार किसानों को सब्सिडी भी देती है। किसानों की सूचना पर जिला कृषि अधिकारी सहित प्रशासन की टीम ने जरोंठी रोड पर एक प्लाईवुड फैक्ट्री में छापा मारा था। अधिकारियों की सूचना पर दो ई रिक्शा से 20 कट्टे यूरिया बरामद किया। यूरिया का सैपल लेकर जाँच के लिए प्रयोगशाला के लिए भेजा गया है।

किसानों की सूचना पर की गईं छापेमारी

कृषि में प्रयोग के लिए आने वाली यूरिया का टेक्निकल ग्रेड की जगह प्रयोग की शिकायतें लंबे समय से की जा रही हैं। निजी विक्रेता मुनाफे के चक्कर में किसानों के लिए आने वाली यूरिया फैक्टरी संचालकों के हाथों में बेच रहे हैं। किसान अमरेंद्र सिंह, अरविंद सिंह, आदित्य सिंह, संदीप शर्मा, वीरपाल सिंह ने प्लाईफूड फैक्ट्री में ई रिक्शा सै यूरिया आते हुए देखा था। जिसकी सूचना प्रशासनिक अधिकारी सहित कृषि विभाग को दी गईं थी। अधिकारियों ने किसानों के साथ गांव जरौठी रोड पर स्थित प्लाईवुड फैक्टरी में कृषि योग्य यूरिया से भरी दो रिक्शा में 20 कट्टो बरामद किया है। प्लाईफूड फैक्ट्री के बॉयलर में यूरिया डालते हुए किसानों ने एक वीडियो भी बनाई थी जो अब वायरल हो रही है।

सांठगांठ से ले रहे फैक्ट्री संचालक यूरिया

सब्सिडी वाली यूरिया का व्यावसायिक इस्तेमाल न हो पाए इसके लिए कृषि यूरिया को नीम कोटेड किया गया है। इसके बाद भी फैक्टरियों में कृषि योग्य यूरिया का धड़ल्ले से प्रयोग हो रहा है। टेक्निकल ग्रेड की तुलना में कृषि यूरिया काफी सस्ती पड़ती है। इस वजह से फैक्टरी संचालक विक्रेताओं से सांठगांठ करके इसे हासिल कर लेते हैं। दूसरी ओर किसानों को यूरिया के लिए भटकना पड़ता है।

क्या बोले कृषि अधिकारी?

जिला कृषि अधिकारी मनोज सिंह ने बताया कि फैक्ट्री संचालक द्वारा यह गलत तरीके से खरीदा गया था। इसके लिए फैक्ट्री संचालक को स्पष्टीकरण के लिए नोटिस दिया गया है। यदि स्पष्टीकरण का जवाब सही नहीं पाया गया तो नियमानुसार फैक्ट्री संचालक के खिलाफ एफआईआर की जाएगी। यूरिया के सैंपल जांच को लैब भेज दिया गया है। मामले की जाँच की जा रही है। जो भी दोषी होगा। उसके खिलाफ कार्यवाही होगी।

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