Hapur News: वकीलों की हड़ताल मामले में हापुड़ के एडिशनल एसपी पर गिरी गाज, हुआ तबादल
Hapur News: पिछले दिनों हापुड़ में वकीलों द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किया गया था और कई वकीलों पर मुकदमा दर्ज किया गया था। इसी को लेकर यूपी के वकील कई दिनों से हापुड़ पुलिस के खिलाफ अपना विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।
Hapur News: हापुड़ में वकीलों पर लाठीचार्ज मामले में शासन ने बड़ी कार्रवाई की है। हापुड़ के एडिशनल एसपी मुकेश मिश्रा का तबादला कर दिया गया है। उन्हें बरेली भेजा गया है। वहीं अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण बरेली राजकुमार को हापुड़ का एडिशनल एसपी बनाया गया है। पिछले दिनों हापुड़ में वकीलों द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किया गया था और कई वकीलों पर मुकदमा दर्ज किया गया था। इसी को लेकर यूपी के वकील कई दिनों से हापुड़ पुलिस के खिलाफ अपना विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। वकीलों की मांग है कि शासन हापुड़ के एसपी और डीएम का तबादला करे।
बतादें कि गुरुवार शाम उत्तर प्रदेश बार काउंसिल और सरकार के अधिकारियों के बीच हुई बातचीत में सरकार ने हापुड़ के एएसपी को हटाने, सीईओ और पुलिस निरीक्षक को निलंबित करने सहित पांच सूत्री मांगों पर सहमति दी थी। उत्तर प्रदेश काउंसिल के चेयरमैन श्रीकिशोर गौड के नेतृत्व में काउंसिल के प्रतिनिधि मंडल ने मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र से लोकभवन में मुलाकात की। काउंसिल के पदाधिकारियों और शासन के अधिकारियों के बीच करीब एक घंटे से अधिक समय तक बातचीत हुई।
काउंसिल के सह अध्यक्ष प्रशांत सिंह अटल ने बताया कि सरकार ने हापुड़ के एएसपी को हटाने, सीईओ और पुलिस निरीक्षक को निलंबित करने, एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने के लिए कमेटी गठित करने का आश्वासन दिया। सरकार ने हापुड़ प्रकरण में वकीलों पर प्रदेश भर में दर्ज मुकदमे वापस लेने और एसआईटी रिपोर्ट आने के बाद दोषी अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई करने का भी आश्वासन दिया। सरकार के आश्वासन के बाद काउंसिल ने हड़ताल समाप्त करने की घोषणा कर दी। बातचीत में सरकार की ओर से पुलिस महानिदेशक विजय कुमार, डीजी स्पेशल कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार, प्रमुख सचिव संजय प्रसाद और प्रमुख सचिव विधायी जेपी सिंह मौजूद थे। वहीं काउंसिल के उपाध्यक्ष अनुराग पांडेय सहित काउंसिल के अन्य सदस्य भी मौजूद थे। उल्लेखनीय है कि 28 अगस्त को हापुड़ में पुलिस ने वकीलों पर लाठीचार्ज किया था। उसके बाद 29 अगस्त से प्रदेश भर में वकीलों ने कार्य का बहिष्कार कर रखा था। इससे न केवल न्यायिक कार्य प्रभावित हो रहा था।