Hardoi News: अनिवार्य शिक्षा अधिनियम में इस दिन से होंगे आवेदन, यह लोग है पात्र

Hardoi News: सरकार द्वारा एक बार फिर गरीब,गंभीर बीमारी से ग्रसित अभिभावकों के बच्चों के लिए पब्लिक स्कूल में पढ़ाने के लिए आवेदन मांगे गए हैं। शिक्षा का अधिकार के तहत आवेदन मांगे गए हैं।

Report :  Pulkit Sharma
Update: 2024-01-18 09:12 GMT

अनिवार्य शिक्षा अधिनियम में इस दिन से होंगे आवेदन (न्यूजट्रैक)

Hardoi News: सरकार द्वारा लगातार गरीब, गंभीर बीमारी से ग्रसित परिवार के बच्चों को निशुल्क शिक्षा देने के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार की ओर से अनिवार्य शिक्षा अधिनियम के तहत शिक्षा का अधिकार में आवेदन मांगे जाते हैं। सरकार द्वारा एक बार फिर गरीब,गंभीर बीमारी से ग्रसित अभिभावकों के बच्चों के लिए पब्लिक स्कूल में पढ़ाने के लिए आवेदन मांगे गए हैं। शिक्षा का अधिकार के तहत आवेदन मांगे गए हैं।

इसके बाद लॉटरी सिस्टम से आवेदकों की चयन किया जाएगा। इस नियम के तहत आवेदक अपने नजदीकी किसी भी पब्लिक स्कूल में अपने बच्चों का दाखिला कर सकता है। पब्लिक स्कूल में बच्चों के दाखिले के बाद कक्षा 8 तक की स्कूल की फीस सरकार की ओर से दी जाती है। इसके साथ ही पुस्तक खरीदने के लिए भी धनराशि आवंटित की जाती है। जनपद में कई बच्चे सुविधा का लाभ भी ले रहे हैं।

यह लोग है पात्र

बच्चों की पढ़ाई के लिए सरकार की ओर से लगातार तमाम प्रकार की मुहिम चलाई जाती है। इसी में से एक मुहिम सर्व शिक्षा अभियान हैं। सरकार गरीब बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए अनिवार्य शिक्षा अधिनियम के तहत गरीब परिवार के बच्चों को पब्लिक स्कूल में निशुल्क शिक्षा प्रदान कराती है। अनिवार्य शिक्षा अधिनियम के तहत चयनित बच्चों को किताब और ड्रेस के लिए भी सरकार की ओर से ₹5500 और विद्यालय को शुल्क के रूप में ₹5000 दिए जाते हैं। मार्च से पब्लिक स्कूलों में नवीन शिक्षा सत्र की शुरुआत हो जाएगी। इसके लिए शिक्षा अधिनियम के तहत गरीब परिवार के सदस्यों से आवेदन मांगे गए हैं। आवेदन 20 जनवरी से 18 फरवरी के मध्य ऑनलाइन भरे जा सकते हैं।

इसके बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी की ओर से आवेदकों का सत्यापन करने के उपरांत 26 फरवरी को लॉटरी के माध्यम से विद्यार्थियों का चयन किया जाएगा। अनिवार्य शिक्षा अधिनियम के तहत लॉटरी में चयन हुए बच्चों को चार चरणों में पब्लिक स्कूल में प्रवेश दिलाया जाएगा। इस योजना का लाभ अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, सामाजिक एवं शैक्षिक स्तर से पिछड़े वर्ग, अन्य पिछड़ा वर्ग, एचआईवी और कैंसर पीड़ित अभिभावकों के बच्चों, निराश्रित बेघर बच्चों के साथ ही बीपीएल वर्ग के परिवार के बच्चों का लाभ दिया जाएगा। अनिवार्य शिक्षा अधिनियम के तहत इस योजना में लाभ पाने वाले परिवार जिनकी वार्षिक ₹1 लाख से कम है उनको ही लाभ दिया जाएगा।

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