Hardoi News: मानकों को ताक पर रख हुई भूसा ख़रीद, आदेशों की अनदेखी कर रहे जिम्मेदार

Hardoi News: बिहार में हुए चारा घोटाले के बाद अब उत्तर प्रदेश में भी आवारा मवेशियों को संरक्षित करने के लिए उपलब्ध कराए जा रहे चारे में भ्रष्टाचार की बू आने लगी है।;

Report :  Pulkit Sharma
Update:2023-12-27 16:52 IST

हरदोई में मानकों को ताक पर रख हुई भूसा ख़रीद (न्यूजट्रैक)

Hardoi News: बिहार में हुए चारा घोटाले के बाद अब उत्तर प्रदेश में भी आवारा मवेशियों को संरक्षित करने के लिए उपलब्ध कराए जा रहे चारे में भ्रष्टाचार की बू आने लगी है। जिम्मेदार मानकों को ताक पर रखकर भूसा खरीद कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार बनने के बाद ही अन्ना मवेशियों को संरक्षित करने के लिए निर्देश दिया था। निर्देश में कहा गया था कि स्थाई और अस्थाई आश्रय बनाकर अन्ना मवेशियों को संरक्षित करने का कार्य किया जाये।

शासन की ओर से संरक्षित मवेशियों के लिए भूसे की भी व्यवस्था की गई थी। अव्यवस्थाओं के चलते स्थाई व अस्थाई गौ आश्रय में मवेशी अपना दम तोड़ रहे हैं। गौ आश्रम स्थल को मिलने वाला भूसे से जिम्मेदार अपनी जेब भर रहे हैं जबकि आश्रय स्थल पर मवेशी भूख से तड़प रहे हैं। आश्रय स्थल में मवेशियों को नियमित रूप से भूसा मिलता रहे इसके लिए जेम पोर्टल से ही भूसा खरीदने के निर्देश शासन द्वारा दिए गए हैं। वर्ष भर भूसा उपलब्धता के लिए जीएसटी, पैन कार्ड ,पंजीकृत संस्थाओं से रेट कांटेक्ट भी साइन करवाए गए थे। लेकिन जिम्मेदारों ने आदेशों की अनदेखी कर खराब गुणवत्ता वाला भूसा खरीद लिया।

36 हज़ार मवेशी है संरक्षित

शासन की ओर से अस्थाई गौ आश्रय स्थल के लिए 1050 रुपए कुंतल की दर से भूसा ख़रीद होती है लेकिन जिम्मेदारों द्वारा मानक के विपरीत जाकर गुणवत्ताहीन भूसा खरीदना शुरू कर दिया। जिम्मेदारों ने भूसा ख़रीद में बड़ा खेल करते हुए खरीदे गए भूसे की मात्रा से कई गुना अधिक के बिल बनवाये गए और लाखों रुपए का बंदर बाट किया। जिम्मेदारों के अलावा जिला स्तर पर बैठे अधिकारी ने भी जमकर साथ दिया और मानकों के विपरीत बिलों को स्वीकृति देकर भुगतान करवाया।

सीवीओ डॉक्टर रचना दीक्षित ने बताया कि जनपद के उच्च अधिकारियों को इस मामले की जानकारी दी गई है। अब जेम पोर्टल के माध्यम से खरीद करवाई जा रही है साथ ही भूसे की सप्लाई करने वाली संस्थाओं के पंजीकरण की भी जांच हो रही है। जनपद में 319 अस्थाई पशु आश्रय स्थान है जहां 36789 पशु आश्रित हैं।

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