Hardoi News: हरदोई में बुखार ने छीन ली लेखपाल की जिंदगी, सीएचसी अधीक्षक बोले- डेंगू से नहीं हुई मौत

Hardoi News: लेखपाल द्विवेदी स्वयं अपनी दवा लाये और दवा खाकर लेट गए। उसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ती चली गई। प्लेटलेट्स डाऊन होती चली गई। आनन-फानन में परिजन उनको शाहजहांपुर ले गए लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें रेफर कर दिया। घबराए परिजन उन्हें बरेली ले गए जहां उनकी मौत हो गई।

Report :  Pulkit Sharma
Update:2023-10-16 20:28 IST

हरदोई में बुखार ने छीन ली लेखपाल की जिंदगी, सीएचसी अधीक्षक बोले- डेंगू से नहीं हुई मौत: Photo-Newstrack

Hardoi News: जिले के शाहाबाद नगर क्षेत्र में बुखार का प्रभाव बढ़ता जा रहा है। एक युवा लेखपाल की तेज बुखार की गिरफ्त में आने से मौत हो गई। इस संबंध में सीएचसी अधीक्षक ने कहा कि लेखपाल की मौत डेंगू से होने की कोई पुष्टि नहीं हुई है क्योंकि डेंगू की जांच कराने के लिए लेखपाल सीएचसी शाहाबाद पर नहीं आए थे। शाहाबाद नगर क्षेत्र के मंडी समिति के निकट रहने वाले लेखपाल नरेंद्र द्विवेदी 42 वर्ष बिलग्राम तहसील में लेखपाल थे। इससे पहले वह शाहाबाद नगर क्षेत्र के लेखपाल रहे थे। दो दिन पहले से उन्हें बुखार की शिकायत हुई। लेखपाल द्विवेदी स्वयं अपनी दवा लाये और दवा खाकर लेट गए। उसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ती चली गई। प्लेटलेट्स डाऊन होती चली गई।

बरेली में इलाज के दौरान हुई मौत

आनन-फानन में परिजन उनको शाहजहांपुर ले गए लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें रेफर कर दिया। घबराए हुए परिजन लेखपाल को बरेली ले गए जहां उनकी मौत हो गई। लेखपाल की डेंगू से मौत के मामले में सीएचसी अधीक्षक डॉक्टर प्रवीण दीक्षित का कहना है कि लेखपाल की डेंगू से मौत होने की कोई भी पुष्टि नहीं है। उनकी कोई भी जांच रिपोर्ट उन्हें नहीं मिली।

लेखपाल नरेंद्र द्विवेदी की दो बेटियां हैं। बड़ी बेटी की उम्र लगभग 15 वर्ष, दूसरी बेटी की उम्र 11 वर्ष है। परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। नर्मदा स्थल पर उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया। लेखपाल के अंतिम संस्कार में बड़ी संख्या में तहसील अधिकारी, कर्मचारी और उनके इष्ट मित्र मौजूद रहे।

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