Hardoi News: विद्युत विभाग का एप बतायेगा मीटर की लोकेशन, उपभोक्ताओं की मिलेगी जानकारी

Hardoi News: जनपद में विद्युत उपभोक्ताओं के यहाँ मीटर लगे हैं और उनकी बिलिंग हो रही है। वहीं, रीडरों की मनमानी की शिकायतें लगातार विभाग को प्राप्त हो रही है। इन सब समस्याओं को रोकने के लिए विद्युत विभाग की ओर से असिस्टेंट मीटर रीडिंग एप को लांच किया गया है।

Report :  Pulkit Sharma
Update: 2024-04-29 09:15 GMT

Hardoi News (Pic: Newstrack)

Hardoi News: विद्युत विभाग लगातार बकाया वसूली को लेकर अभियान चलाता रहता है। लेकिन हरदोई जनपद में आज भी कई ऐसे विद्युत उपभोक्ता हैं, जिन पर लाखों- करोड़ों रुपए का बिल बकाया है।  वहीं, हरदोई में ऐसे कई उपभोक्ता विद्युत विभाग के अभिलेखों में दर्ज हैं, जहां मीटर लगा है लेकिन वहां की बिलिंग नहीं हो रही है। ऐसे में विभाग को हजारों लाखों रुपए का चूना प्रतिमाह लग रहा है। इस तरह के उपभोक्ताओं को खोजने के लिए बिजली विभाग अब जिओ फेसिंग की मदद लेगा और इसकी मदद से ऐसे उपभोक्ताओं को खोजेगा और उनकी बिलिंग करेगा। जियो टैगिंग की सहायता से होने वाली बिल्डिंग से पारदर्शिता भी आएगी। विभाग की ओर से एप पर जिओ टैगिंग के साथ विवरण को फीड करना शुरू कर दिया गया है।

79 हज़ार उपभोक्ताओं का आता पता नहीं

हरदोई जनपद में करीब 4 लाख 54 हज़ार 731 बिजली उपभोक्ता है जिनका विवरण ऑनलाइन है। लेकिन, इन उपभोक्ताओं में से 79,000 उपभोक्ता ऐसे भी हैं जो बिजली विभाग को खोज में नहीं मिल रहे हैं। बिजली विभाग द्वारा इन उपभोक्ता को काफी खोजने का प्रयास किया गया लेकिन यह उपभोक्ता नहीं मिले। ऐसे में इन उपभोक्ताओं की बिलिंग भी विभाग नहीं कर पा रहा है, जिसके चलते विभाग को प्रतिमाह हजारों लाखों रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है।

जनपद में विद्युत उपभोक्ताओं के यहाँ मीटर लगे हैं और उनकी बिलिंग हो रही है। वहीं, रीडरों की मनमानी की शिकायतें लगातार विभाग को प्राप्त हो रही है। इन सब समस्याओं को रोकने के लिए विद्युत विभाग की ओर से असिस्टेंट मीटर रीडिंग एप को लांच किया गया है। इस ऐप पर उपभोक्ताओं की मीटर की जिओ लोकेशन दर्ज होगी और उसके बाद उपभोक्ता का पूरा विवरण और मीटर रीडिंग लोड दर्ज होगा, जिससे उपभोक्ताओं को सही बिल मिल सकेगा। विभाग की ओर से उपभोक्ताओं को भी सहूलियत दी गई है। उपभोक्ता मोबाइल ऐप के माध्यम से जांच कर सकेंगे उपभोक्ताओं के लिए कंज्यूमर एप भी बनाया गया है। उपखंड अधिकारी केपी सिंह ने बताया कि एप के माध्यम से जिओ लोकेशन व विवरण दर्ज करने का कार्य शुरू किया गया है।

 

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