Hardoi News: हरदोई मेडिकल कॉलेज में स्थान की कमी के चलते नहीं लग पा रही डायलेसिस मशीन, बनी रहती है प्रतीक्षा सूची

Hardoi News: हरदोई मेडिकल कॉलेज के डायलिसिस सेंटर पर मरीजों की सहूलियत के लिए नई मशीन भले ही आ चुकी है पर डायलिसिस के लिए मरीजों का इंतजार अभी खत्म नहीं हुआ है।

Report :  Pulkit Sharma
Update:2024-11-14 19:21 IST

Hardoi News (newstrack)

Hardoi News: हरदोई में मेडिकल कॉलेज खुलने के साथ ही मेडिकल कॉलेज प्रशासन मरीजों और उनके तीमारदारों को सुविधाएं देने में जुटा है। मेडिकल कॉलेज में लगातार नई अत्याधुनिक मशीनें लगाई जा रही हैं, जिससे मरीजों और उनके तीमारदारों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकें। हरदोई मेडिकल कॉलेज में ब्लड जांच के लिए भी कई मशीनें लगाई गईं। हाल ही में हरदोई में थायराइड जांच के लिए भी मशीन लगाई गई, जिससे मरीजों को फायदा हो रहा है। हरदोई मेडिकल कॉलेज खुलने के बाद किडनी के मरीजों को डायलिसिस के लिए लखनऊ नहीं भागना पड़ रहा है।

हरदोई मेडिकल कॉलेज में ही मरीजों को डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध है। मेडिकल कॉलेज में वर्ष 2022 में 10 मशीनों के साथ डायलिसिस की सुविधा शुरू की गई थी। हरदोई मेडिकल कॉलेज में मरीजों को बेहतर सुविधा देने के लिए डायलिसिस मशीन रखी गई है और मरीज भी हैं, लेकिन नई मशीन लगाने के लिए जगह नहीं है। अगर मेडिकल कॉलेज में नई मशीन लग जाती है, तो मरीजों को काफी बेहतर सुविधा मिल सकेगी।

नई मशीन को लगाने के लिए नहीं है स्थान

हरदोई मेडिकल कॉलेज के डायलिसिस सेंटर पर मरीजों की सुविधा के लिए भले ही नई मशीन आ गई हो, लेकिन डायलिसिस के लिए इंतजार अभी खत्म नहीं हुआ है। हरदोई मेडिकल कॉलेज में डायलिसिस सेंटर की स्थापना के बाद से अब तक 203 मरीजों का पंजीकरण हो चुका है और प्रतिदिन 30 मरीजों की डायलिसिस के बाद 10 मरीजों की प्रतीक्षा सूची बनी हुई है। हरदोई मेडिकल कॉलेज में डायलिसिस मशीनों पर अत्यधिक लोड के चलते दो मशीनें खराब हो चुकी हैं, जिन्हें हटाकर नई मशीनें लगा दी गई हैं, लेकिन हरदोई मेडिकल कॉलेज में अभी तक चार मशीनें उसी हालत में बंद रखी हुई हैं।

मेडिकल कॉलेज में जगह की कमी के चलते अभी तक मेडिकल कॉलेज में रखी इन मशीनों के कवर नहीं हटाए जा सके हैं। अगर हरदोई मेडिकल कॉलेज में बंद रखी गई डायलिसिस मशीनें लग जाती हैं तो प्रतीक्षा सूची में शामिल मरीजों को काफी राहत मिलेगी। सेंटर प्रभारी आयुष यादव ने बताया कि मशीनें उपलब्ध हैं और दो खराब मशीनों को हटाकर दूसरी मशीन लगा दी गई है। अभी मरीजों का लोड कम है, लेकिन जगह के लिए मेडिकल कॉलेज प्रशासन को पत्र भेजा गया है।

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