Hardoi News: डिजिटल एक्स-रे मशीन चल रही खराब, मोबाइल में लेनी पड़ रही फ़िल्म, मरीजों को हो रही असुविधा
Hardoi News:जिला अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों को आए दिन कोई ना कोई समस्या से रूबरू होना ही पड़ता है। हरदोई में टेक्नीशियनों की कमी है। लोगों को जांच के लिए सीतापुर की दौड़ तक लगानी पड़ती है।
Hardoi News: हरदोई जनपद में आये दिन किसी ना किसी बात को लेकर सुर्खियों में बना रहता हैं। वहीं हरदोई जनपद का जिला अस्पताल जोकि मेडिकल कॉलेज से संबुद्ध है वह भी खूब सुर्ख़ियों में रहता है। सुर्खियां चाहे लड़ाई झगड़े की हो, स्वास्थ्य कर्मियों के करतूतों की हो या फिर मशीनों के रखरखाव की। जिला अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों को आए दिन कोई ना कोई समस्या से रूबरू होना ही पड़ता है। हरदोई में टेक्नीशियनों की कमी है। लोगों को जांच के लिए सीतापुर की दौड़ तक लगानी पड़ती है। कभी सीटी स्कैन मशीन खराब तो कभी अल्ट्रासाउंड मशीन। ऐसे में एक बार फिर जिला अस्पताल एक्स-रे करने आने वाले लोगों के लिए मुसीबत बन गया है। जिला अस्पताल में लगभग 8 महीने से एक्सरे मशीन पर धूल की परत जमी हुई है। जिला अस्पताल प्रशासन पत्राचार कर बजट की मांग कर रहा है लेकिन शासन स्तर से इसकी कोई भी सुनवाई नहीं हो रही है जिसका खामियाजा ज़िला अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों को उठाना पड़ रहा है।
नौ लाख मिले तो दुरुस्त को मशीन
मेडिकल कॉलेज के अन्तर्गत आने वाले जिला अस्पताल में जनवरी से लगी डिजिटल एक्सरे मशीन पर धूल जमना शुरू हो चुकी है।यह मशीन बीते 8 महीना से काम नहीं कर रही है जबकि 8 महीने से पहले भी यह मशीन कई दिनों तक खराब रही थी। इसके बाद जिला अस्पताल प्रशासन द्वारा शासन को पत्र भेज कर बजट की मांग की थी बजट मिलने के बाद एक-रे मशीन को देखने वाली कार्यदायी संस्था ने उसको दुरुस्त किया था लेकिन दो-तीन दिन बाद ही एक बार फिर डिजिटल एक्सरे मशीन का जनरेटर खराब होने के कारण मशीन ख़राब हो गई। कार्यदायी संस्था के टेक्निशियनों द्वारा स्वास्थ्य विभाग को अब की ₹9 लाख का खर्च बताया गया है। जिला अस्पताल प्रशासन द्वारा शासन को पत्र लिखकर डिजिटल एक्सरे मशीन में ₹9 लाख खर्च कर जनरेटर बॉक्स को बदलवाने की बात कही है।
हर दिन पहुंचते हैं 200 मरीज
कई महीने बीतने के बाद भी अभी तक शासन की ओर से ना ही कोई धन की स्वीकृति मिली है और ना ही कोई जवाब मिला है। ऐसे में जिला अस्पताल एक्स-रे कराने आने वालों के लिए मुसीबत बनता जा रहा है।जिला अस्पताल में लगभग 200 के आसपास मरीज प्रतिदिन एक्स-रे कराने के लिए पहुंचते हैं जहां पर स्वास्थ्य कर्मी मशीन के खराब होने की बात कह कर प्राइवेट में डिजिटल एक्स-रे कराने की सलाह दे देते हैं। दूर दराज से आने वाले ग्रामीणों के प्राइवेट में एक-रे कराने पर आर्थिक समस्या का भी सामना करना पड़ता है। आपको बताते चले कि बीते 29 जनवरी से चिकित्सालय का डिजिटल एक्सरे मशीन के जनरेटर बॉक्स खराब हो गया था जिला चिकित्सालय में पोर्टेबल एक्स-रे मशीन से फिलहाल काम किया जा रहा है। डिजिटल एक्सरे मशीन खराब होने के चलते पोर्टेबल एक्स-रे मशीन से काम चल रहा है लेकिन इससे मरीज को मशीन से निकलने वाली फिल्म नहीं मिल पा रही है। मरीज को एक्सरे उनके मोबाइल पर फोटो खींचकर दे दिया जाता है जिसे वह डॉक्टर को दिखाते हैं।
ऐसे में जो मरीजों व उनके तीमारदार अस्पताल पहुंचते हैं और उनके पास एंड्रॉयड या स्मार्टफोन नहीं है उनको काफी समस्या का सामना करना पड़ता है। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर आर्य देश दीपक ने बताया कि डिजिटल एक्सरे मशीन को सही करने के लिए कार्यदायी संस्था ने ₹9 लाख रुपए का खर्च बनाकर भेजा है जिस कंपनी ने एक्सरे मशीन को लगाया था उनसे वार्ता हुई है कंपनी के इंजीनियर ने अभी तक बजट बनाकर नहीं भेजा है जिसके चलते मशीन सही नहीं हो सकती है।मरीज को भी थोड़ा और इंतजार करना होगा।