Hardoi News: रेलकर्मियों की हड़ताल का आज चौथा दिन, पुरानी पेंशन बहाल करने की कर रहे माँग
Hardoi News: हरदोई रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या एक पर एनआरएमयू के बैनर तले व एनआरएमयू के शाखा अध्यक्ष संजय कुमार श्रीवास्तव की अगुवाई में रेल कर्मी पुरानी पेंशन बहाली को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे है।;
Hardoi News: ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर लगातार केंद्रीय कर्मी संयुक्त रूप से प्रदर्शन कर रहे हैं। ऐसे में भारतीय रेल के भी कर्मी संयुक्त केंद्रीय कर्मियों के प्रदर्शन में बढ़ चढ़कर प्रतिभा कर रहे हैं। भारतीय रेल के एनआरएमयू और यूआरएमयू भी लगातार पुरानी पेंशन बहाली की मांग रेल प्रशासन व रेल मंत्री से करते आ रहे है। दोनों यूनियन समय-समय पर विरोध प्रदर्शन कर ओल्ड पेंशन स्कीम को बहाल करने की मांग करती आ रही है।
रेल कर्मियों का कहना है कि ओल्ड पेंशन स्कीम के शुरू होने से उन्हें काफी लाभ मिलेगा। वृद्धावस्था में पेंशन उनका एकमात्र सहारा बनती है। 30 वर्ष से अधिक रेलवे को देने के बाद पेंशन न मिलाना काफी काफी दुखदाई है। केंद्र सरकार द्वारा बंद की गई पेंशन को पुनः बहाल करना चाहिए। यदि सरकार रेल कर्मियों की मांग नहीं मानेगी तो रेल कर्मी बड़े आंदोलन को लेकर अग्रसर होंगे। हरदोई रेलवे स्टेशन पर पुरानी पेंशन बहाली को लेकर रेलकर्मी भूख हड़ताल पर बैठे हैं। रेलकर्मियों के भूख हड़ताल पर बैठे होने का चौथा व अंतिम दिन है। भूख हड़ताल पर बैठकर पुरानी पेंशन बहाली की मांग कर रहे हैं। लेकिन हैरत की बात यह है कि रेलकर्मियों के भूख हड़ताल पर बैठे होने के बाद भी कोई भी रेल का जिम्मेदार उनकी मांगों को सुनाने तक को राजी नहीं है।
महिला रेलकर्मियों ने भी की भूख हड़ताल
हरदोई रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या एक पर एनआरएमयू के बैनर तले व एनआरएमयू के शाखा अध्यक्ष संजय कुमार श्रीवास्तव की अगुवाई में रेल कर्मी पुरानी पेंशन बहाली को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे है। रेल कर्मी सोमवार से भूख हड़ताल पर बैठे हुए हैं। ठिठुरन भरी सर्दी में भी रेल कर्मी अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। भूख हड़ताल के चौथे दिन महिला रेलकर्मी भी भूख हड़ताल पर बैठ गई और केंद्र सरकार व रेल मंत्री के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की।
रेलकर्मियों ने बताया कि यदि रेल प्रशासन और मंत्रालय पुरानी पेंशन को बहाल नहीं करता है तो समस्त रेलकर्मी एक बड़े आंदोलन को लेकर तैयार हैं। पुरानी पेंशन हमारा हक है हमें हमारा हक वापस चाहिए है। रेल कर्मियों ने कहा कि देश में नेताओं की भी पेंशन है। नेता 5 साल गद्दी पर काबिज रहकर जीवन भर पेंशन पता है। राजनेताओं को कई पेंशन मिलती हैं जबकि एक सरकारी कर्मचारी सरकार में ईमानदारी से कार्य करता है तब भी उसकी पेंशन उसको नहीं दी जाती है देश में यह कैसा संविधान है।