Hardoi: आग या करंट से झुलसे मरीजों को पड़ रहा भटकना, जानें क्या है वजह
Hardoi News: हरदोई जनपद में करंट से झुलसे , आग से झुलसे मरीज को भर्ती करने की कोई भी वैकल्पिक व्यवस्था हरदोई मेडिकल कॉलेज में नहीं है।
Hardoi News: हरदोई का मेडिकल कॉलेज एक बार फिर सवालों के घेरे में है। हरदोई के मेडिकल कॉलेज बनने के बाद से ही लगातार कई सवाल खड़े होते आ रहे हैं यह सवाल स्वास्थ्य विभाग से लेकर मेडिकल कॉलेज में संचालित होने वाली मशीनों को लेकर खड़े हो रहे हैं। हरदोई का मेडिकल कॉलेज को जिला अस्पताल को तोड़कर बनाया गया था, इसके बाद लोगों को उम्मीद थी कि अब उनको लखनऊ, बरेली , शाहजहांपुर की दौड़ नहीं लगानी होगी। उनका बेहतर इलाज हरदोई मेडिकल कॉलेज में हो सकेगा लेकिन लोगों के उम्मीद लगातार टूटती जा रही है। चाहे फिर वह जांच को लेकर हो, डॉक्टर के बर्ताव को लेकर हो या फिर मरीज की अन्य समस्याओं को लेकर।
ऐसे ही हरदोई जनपद में करंट से झुलसे , आग से झुलसे मरीज को भर्ती करने की कोई भी वैकल्पिक व्यवस्था हरदोई मेडिकल कॉलेज में नहीं है। जिला अस्पताल में बर्न वार्ड बना हुआ था। लेकिन जब मेडिकल कॉलेज बना तो बर्न वार्ड को तोडा गया था, जिसके बाद से अब तक मेडिकल कॉलेज में बर्न वार्ड नहीं बन सका है। जिसका खामियाजा आग व करंट से झुलसे मरीजों को उठाना पड़ रहा है। हालांकि बीच में कुछ समय के लिए मेडिकल कॉलेज द्वारा एक अस्थाई कमरे को बर्न वार्ड में तब्दील किया गया था लेकिन वह भी कार्य नहीं कर सका। बर्न वार्ड में भर्ती मरीजों को इंफेक्शन से बचाने के लिए व्यापक प्रबंध किए जाते हैं।
गर्मियों में ज़्यादा आते है बर्न के मामले
गर्मियां शुरू हो गई है ऐसे में जनपद में अलग-अलग स्थान पर आग की लगातार सूचनाओं प्राप्त हो रही हैं इसके साथ ही करंट व आग से झुलसे लोगों को मेडिकल कॉलेज लाया जाता है जहां उन्हें लखनऊ रेफर कर दिया जाता है। क्योंकि हरदोई में आग या बिजली से झुलसे मरीजों को भर्ती कराने के लिए कोई भी व्यवस्था नहीं है।बर्न वार्ड में मरीज को उपचार देने के लिए मच्छरदानी की व्यवस्थाएं की जाती है जिससे आग से या करंट से झुलसे मरीजों को मच्छर मक्खी से दूर रखा जा सके।आग या करंट से झुलसे मरीजों में इंफेक्शन फैलने का खतरा सबसे अधिक होता है। हरदोई मेडिकल कॉलेज में बर्न वार्ड न होने से मरीजों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर आर्य देश दीपक तिवारी कहते हैं कि आईपीडी का भवन हैंडोवर होते ही बर्न वार्ड बनवा दिया जाएगा। इसी परिसर में बर्न वार्ड की व्यवस्थाएं रखी गई है।