Hardoi News: सरकारी अस्पताल में आग से निपटने के नहीं है पुख्ता इंतज़ाम, अग्निशमन यंत्र बने कूड़ेदान

Hardoi News: जिले के मेडिकल कॉलेज हो या फिर जिला अस्पताल। स्वास्थ्य व्यवस्थाएं तो यहां की बदहाल ही हैं। अस्पतालों में सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम नहीं है।;

Report :  Pulkit Sharma
Update:2023-12-20 15:57 IST

हरदोई के सरकारी अस्पताल में आग से निपटने के नहीं है पुख्ता इंतज़ाम (न्यूजट्रैक)

Hardoi News: जिले के मेडिकल कॉलेज हो या फिर जिला अस्पताल। स्वास्थ्य व्यवस्थाएं तो यहां की बदहाल ही हैं। अस्पतालों में सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम नहीं है। वैसे तो हरदोई उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री का गृह जनपद है लेकिन न तो स्वास्थ्य मंत्री ध्यान देते हैं और न ही स्वास्थ्य विभाग। कुछ दिन पूर्व लखनऊ के पीजीआई हॉस्पिटल में आग लगने से हड़कंप मच गया था। अस्पताल में लगी आग से मरीज व उनके तीमारदारों के बीच भगदड़ की स्थिति देखने को मिली थी।

आग लगने से दो मरीजों की मौत भी हुई थी। वहीं दिल्ली में भी अस्पताल में आग लग चुकी है। लगातार अस्पतालों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े होते रहते हैं। जब कोई हादसा हो जाता है तो जिम्मेदारों की नींद टूटती है और खाना पूर्ति करके मामले को बंद कर दिया जाता है। हरदोई के मेडिकल कॉलेज व जिला अस्पताल में अग्निशमन यंत्रों की अनदेखी से किसी दिन कोई बड़ा हादसा हो सकता है। हरदोई में जिम्मेदार अग्निशमन यंत्रों की देखरेख में काफी कोताही बरतते हैं।

कूड़े के ढेर में तब्दील हुए यंत्र

हरदोई के मेडिकल कॉलेज के इमरजेंसी कक्ष में आग से बचाव के इंतजाम ही नहीं है और न तो यहां फायर फाइटिंग सिस्टम लगा है और न ही अग्निशमन सिलेंडर की कोई व्यवस्था है। यदि कभी भी आग से संबंधित कोई भी अप्रिय घटना घटित होती है तो कोई बड़ा हादसा हो सकता है। इसके साथ ही महिला अस्पताल में भी आग लगने की स्थिति में उससे निपटने के लिए कोई भी पुख्ता इंतजाम नहीं है।

महिला चिकित्सालय में आग से निपटने के लिए सिलेंडर तो दिखाई दिए लेकिन आग को बुझाने वाला सिलेंडर एक्सपायर मिला उस सिलेंडर की वैलिडिटी समाप्त हो गई थी और जिम्मेदार इस बाबत आंख मूंदे बैठे थे। जिला महिला चिकित्सालय में ही फायर फाइटिंग सिस्टम विस्थापित है लेकिन वह सिस्टम प्रशासन की अनदेखी के चलते कूड़ेदान में तब्दील हो चुका है। जिला अस्पताल के इमरजेंसी कक्ष के निर्माण के समय भी मानक कि अनदेखी की गई। जिला अस्पताल में आग लगने की स्थिति में इमरजेंसी कक्ष में कोई भी इमरजेंसी डोर नहीं बनाया गया है। ऐसे में यदि कोई हादसा होता है तो मरीजों की जान पर बनना लगभग तय है।

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