Hardoi News: एम्बुलेंस की मनमानी पर लगेगा ब्रेक, एआरटीओ ने बनाई ये योजना

Hardoi News: जिले में संचालित हो रही एंबुलेंस की मनमर्जी पर एआरटीओ विभाग लगाम लगाने की जुगत में जुट गया है। लगातार एंबुलेंस संचालकों की मनमर्जी की शिकायत एआरटीओ को प्राप्त हो रही है।;

Report :  Pulkit Sharma
Update:2023-11-15 13:29 IST

हरदोई में एंबुलेंस की मनमानी पर एआरटीओ लगाएगा अंकुश (न्यूजट्रैक)

Hardoi News: जिले में संचालित हो रही एंबुलेंस की मनमर्जी पर एआरटीओ विभाग लगाम लगाने की जुगत में जुट गया है। लगातार एंबुलेंस संचालकों की मनमर्जी की शिकायत एआरटीओ को प्राप्त हो रही है। जिस पर अब कार्रवाई का मन एआरटीओ बना रहा है। एआरटीओ ने जनपद में संचालित हो रही एम्बुलेंस का आकस्मिक निरीक्षण के निर्देश जारी कर दिए हैं। वहीं स्वास्थ्य विभाग को भी इस बावत अवगत कराया गया है। साथ ही एआरटीओ द्वारा स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखकर अवगत कराया गया है कि 46 एंबुलेंस जो कि अपना समय पूरा कर चुकी हैं उनको संचालित ना किया जाए। साथ ही उन्हें स्क्रैप पॉलिसी के अंतर्गत स्क्रैप कराया जाए।

जर्जर हालत में हैं अधिकतर एम्बुलेंस

जनपद में डग्गामार एंबुलेंस की हकीकत सामने आती रहती है। ज्यादातर एम्बुलेंस जर्जर स्थिति में संचालित हो रही है जबकि निजी एंबुलेंस मनमाना किराया मरीजों से वसूल रहे हैं। जिला अस्पताल के बाहर निजी एम्बुलेंसों की लाइन लगी रहती है। जबकि निजी एंबुलेंस भी किसी न किसी नर्सिंग होम से सम्बद्ध हैं। निजी नर्सिंग होम से सम्बद्ध होने के चलते प्राइवेट एंबुलेंस की बुकिंग उसी अस्पताल से हो सकती है जहां से वह सम्बद्ध हो लेकिन इन सब बातों को दरकिनार कर निजी एंबुलेंस संचालक मनमानी किराया मरीजों के परिजनों से वसूलते हैं।

यह है किराए की श्रेणी

हरदोई जनपद में 344 एंबुलेंस एआरटीओ में पंजीकृत है। इसमें से 135 सरकारी और शेष प्राइवेट एंबुलेंस पंजीकृत हैं। प्राइवेट एंबुलेंस को किसने किसी निजी अस्पताल से जुड़ा हुआ दिखाया गया है। एआरटीओ विभाग के अनुसार ए श्रेणी के एम्बुलेंस प्रथम 10 किलोमीटर के लिए ₹500 और उसके ऊपर ₹10 प्रति किलोमीटर की दर से किराया ले सकती हैं, जबकि बी श्रेणी में आने वाली एम्बुलेंस जो की मारुति ओमनी, टाटा मैजिक, मारुति ईको में निर्मित की जाती हैं।

वह प्रथम 10 किलोमीटर तक ₹1000 और उसके बाद ₹20 प्रति किलोमीटर की दर से किराया ले सकती हैं जबकि सी श्रेणी में श्रेणी में आने वाली एंबुलेंस जो की लाइफ़ सपोर्ट एंबुलेंस कही जाती है। वह प्रथम 10 किलोमीटर तक 15 सो रुपए और उसके ऊपर ₹25 रुपए प्रति किलोमीटर कि दर से चार्ज ले सकती हैं। डी श्रेणी की एंबुलेंस जो की एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस के तौर पर आती है। वह प्रथम 10 किलोमीटर तक ₹2000 और उसके ऊपर ₹30 प्रति किलोमीटर की दर से किराया ले सकती हैं।

उप संभागीय परिवहन अधिकारी संजीव कुमार सिंह ने बताया कि एंबुलेंस के किराए की रसीद अस्पताल की ओर से काटी जानी चाहिए। सभी एंबुलेंस की आकस्मिक जांच कराई जाएगी। स्वास्थ्य विभाग में पंजीकृत 46 एंबुलेंस की लाइफ पूरी हो चुकी है। इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग को एसी एंबुलेंस का प्रयोग न करने और उनको स्क्रैप करने को लेकर पत्र जारी किया गया है।

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