Hardoi News: सर्वे रिपोर्ट ने चौंकाया, जनपद में बड़े पैमाने पर बच्चे मिले बौने व कुपोषित

Hardoi News: सर्वे रिपोर्ट आने के बाद जिला कार्यक्रम अधिकारी रजनीश चौधरी ने कहा कि बड़ी संख्या में बच्चे औसत लंबाई से कम पाए गए हैं जो की चिंता का विषय है।

Report :  Pulkit Sharma
Update: 2024-01-04 09:17 GMT
कुपोषण का शिकार बच्चे (सोशल मीडिया)

Hardoi News: स्वास्थ्य चिकित्सा व पोषण को लेकर शासन व जिला प्रशासन लगातार कोशिश कर रहा है। समय-समय पर विशेष अभियान चला कर कुपोषण मुक्त बनाने का अभियान चलाया जाता है। प्रदेश में आज भी ऐसे बच्चे मिल रहे हैं जो कुपोषित हैं। कुपोषित बच्चों के लिए शासन की ओर से लगातार प्रयास किया जा रहा है। बच्चों के लिए शासन की ओर से दाल, तेल, दलिया व पैकेट बंद पोषाहार दिया जा रहा है, जिससे कि बच्चे तंदुरुस्त रहे। इन सब के बीच जनपद में चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। जनपद में कराए गए सर्वे में लगभग 40% बच्चे बौने निकले हैं। सर्वे की रिपोर्ट में 4% बच्चे कुपोषित भी मिले हैं सर्वे की रिपोर्ट से जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया है।

खानपान का पड़ता है असर

जनपद में बच्चों को कुपोषण से दूर रखने के लिए शासन प्रशासन लगातार प्रयास कर रहा है। बाल विकास की ओर से चना, दाल, रिफाइंड तेल, दलिया, लड्डू, आटा, बेसन आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के माध्यम से बच्चों को नियमित रूप से उपलब्ध कराया जा रहा है। बच्चों को स्वस्थ भोजन दिया जा रहा है। बच्चों को पौष्टिक भोजन नियमित रूप से दिया जा रहा है। जनपद के आंगनबाड़ी केंद्रों पर शून्य से 5 वर्ष तक के तीन 3,92,538 बच्चे पंजीकृत है। बीते महीने 94.44 प्रतिशत 3,70,719 बच्चों का वजन लिया गया। वजन व लंबाई लेने की प्रक्रिया पूरी करने के बाद जो आंकड़े सामने आए उसने सभी को हैरान कर दिया।

विभाग द्वारा कराए गए सर्वे में लगभग डेढ़ लाख बच्चों की औसतन लंबाई कम पाई गई।  93% यानी 4166 बच्चे अति कुपोषित, जबकि 3.49 प्रतिशत यानी 12942 बच्चे कुपोषित पाए गए। सर्वे रिपोर्ट आने के बाद जिला कार्यक्रम अधिकारी रजनीश चौधरी ने कहा कि बड़ी संख्या में बच्चे औसत लंबाई से कम पाए thousands-of-children-are-malnourishedगए हैं जो की चिंता का विषय है। बच्चों के कुपोषित होने पर रजनीश चौधरी ने कहा कि गर्भधारण करने को लेकर बच्चों में पैदा होने व उनके बाद भी खान-पान के साथ चिकित्सा व अन्य कार्यों से बच्चों में बौना व कुपोषित की समस्या हो जाती है। बच्चों में बौनेपन व कुपोषण को दूर करने के लिए प्रयास किया जा रहे हैं।

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