Hardoi News: वर्षों से धूल फाँक रही वेंटिलेटर मशीन, मरीज़ हो रहे लखनऊ रेफ़र

Hardoi News: जिले में स्वास्थ्य विभाग लगातार सवालों में घिरा रहता है। बेहतर उपचार, मशीनों की उपलब्धता या फिर मशीनों के रखरखाव को लेकर जिले के स्वास्थ्य विभाग पर हमेशा प्रश्नचिन्ह लगते रहते हैं।;

Report :  Pulkit Sharma
Update:2023-11-27 17:34 IST

हरदोई में वर्षों से धूल फाँक रही वेंटिलेटर मशीन (न्यूजट्रैक)

Hardoi News: जिले में स्वास्थ्य विभाग लगातार सवालों में घिरा रहता है। बेहतर उपचार, मशीनों की उपलब्धता या फिर मशीनों के रखरखाव को लेकर जिले के स्वास्थ्य विभाग पर हमेशा प्रश्नचिन्ह लगते रहते हैं। हरदोई जिला अस्पताल अब मेडिकल कॉलेज से संबंद्ध होकर संचालित किया जा रहा है। जनपद के जनप्रतिनिधि लोगों की सुविधा को देखते हुए मेडिकल कॉलेज लेकर हरदोई आए थे।

साथ ही मेडिकल कॉलेज के हरदोई में खुलने पर लोगों को भी एक बड़ी आस लगी थी कि अब लखनऊ की दौड़ने नहीं लगानी पड़ेगी। लेकिन लोगों की उम्मीदों को उसे समय ठेस पहुंची जब मेडिकल कॉलेज पहुंचने वाले मामलों को लखनऊ रेफर कर दिया जाता है। हरदोई में कोरोना काल में लोगों के बहतर उपचार के लिए आई वेंटिलेटर मशीन आज भी धूल फाँक रही है। साथ ही कई ऐसे उपकरण हैं जो धूल ही फाँक रहे हैं। यदि वेंटिलेटर को मेडिकल कॉलेज में लगाकर संचालित किया जाए तो अवश्य लोगों की जान मशीनों के द्वारा बचाई जा सकती है। लेकिन जिम्मेदार हैं कि इस बाबत ध्यान ही नहीं देते हैं।

कमरे में बंद मशीन, चढ़ी धूल की परत

भारत में 2020 में कोरोना संक्रमण ने काफी तबाही मचाई थी। कोरोना संक्रमण से कई लोगों की जनपद में मौत हुई थी जबकि अधिकांश लोग कोरोना से संक्रमित हुए थे। कोरोना की तीन लहरें भारत में आई थी जिसमें सबसे ज्यादा तबाही दूसरी लहर में देखने को मिली थी। दूसरी लहर में कोरोना की मौत की संख्या दिन पर दिन बढ़ती जा रहे थी जो की चिंता का विषय था। कोरोना की दूसरी लहर में लोगों को सांस लेने की सबसे ज्यादा समस्या हो रही थी ऐसे में जनप्रतिनिधियों ने अपनी निधि का पिटारा खोला था और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और वेंटीलेटर जैसी मशीनों को जिला अस्पताल को सौंपा। जिससे जिला अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों को बेहतर उपचार मिल सके।

कोरोना संक्रमण में 50 वेंटीलेटर जिला अस्पताल को दिए गए थे लेकिन इनमें से अभी भी अधिकांश वेंटीलेटर कमरे में बंद धूल फाँक रहे हैं। जनपद में होने वाले हादसों में घायल या गंभीर बीमारी से ग्रसित मरीज जब मेडिकल कॉलेज पहुंचते हैं तो वेंटीलेटर न होने पर उन्हें लखनऊ रेफर कर दिया जाता है। ऐसे में मरीज व उनके तीमारदार को काफी असुविधा का सामना करना पड़ता है। इस मामले में मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य आर्य देश दीपक तिवारी ने बताया कि आकस्मिक कक्ष में वेंटिलेटर लगाए गए हैं।गंभीर मरीजों को वेंटिलेटर का उपचार किया जा रहा है अन्य वेंटिलेटर के संचालन के भी जल्द व्यवस्था की जाएगी।

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