Hardoi News: नवरात्र को लेकर हरदोई में यहाँ मिल रही ‘व्रती थाली, श्रद्धालुओं को मिली बड़ी राहत
Hardoi News: नवरात्रि में उपवास रखने वाले भक्तों को देखते हुए बाबा सम्मी ने एक स्पेशल थाली बनाई है। यह थाली उपवास रखे भक्तों के लिए है जिसमें उपवास में खाए जाने वाली खाद्य सामग्री भक्तों को दी जा रही है।;
Hardoi News (Image From Social Media)
Hardoi News: चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो गई है। चैत्र नवरात्रि का पहला व्रत श्रद्धालुओं द्वारा रखा गया है। 9 दिन तक चलने वाली चैत्र नवरात्रि को लेकर मंदिर सजे हुए हैं। हरदोई के मंदिरों में रविवार सुबह से ही श्रद्धालुओं के पहुंचने का क्रम शुरू हो गया है। श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देख सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध भी पुलिस प्रशासन द्वारा किए गए हैं। हरदोई के कई प्रसिद्ध शक्तिपीठों पर श्रद्धालुओं के आगमन को लेकर विशेष व्यवस्थाएं भी की गई हैं।
इसी क्रम में चैत्र नवरात्रि पर उपवास रखने वाले श्रद्धालुओं के उपवास में खाए जाने वाली व्रत सामग्री को लेकर शहर के बाबा सम्मी हलवाई ने विशेष प्रबंध किए हैं। नवरात्रि में उपवास रखने वाले भक्तों को देखते हुए बाबा सम्मी ने एक स्पेशल थाली बनाई है। यह थाली उपवास रखे भक्तों के लिए है जिसमें उपवास में खाए जाने वाली खाद्य सामग्री भक्तों को दी जा रही है।भक्तों को बाबा सम्मी के यहाँ मिलने वाली व्रती थाली काफी पसंद भी आ रही है।
ग्राहको को व्रती थाली में मिल रही यह खाद्य सामग्री
शहर के आवास विकास में संचालित हो रही बाबा सम्मी हलवाई की दुकान पर ग्राहकों को लगातार कुछ नया स्वाद देखने को मिल रहा है साथ ही दुकान के प्रोपराइटर लकी भी लगातार अपने ग्राहकों को लेकर स्वादिष्ट व्यंजन तैयार करते रहते हैं।बाबा सम्मी हलवाई की दुकान जनपद के साथ आसपास के जनपद में भी काफी प्रसिद्ध है।
एक बार फिर बाबा सम्मी हलवाई ने उपवास रखे लोगों के लिए व्रती थाली तैयार की है। इस थाली में उपवास रखे लोगों को कूटू की पूरी, आलू टमाटर की सब्जी, लौकी का हलवा, साबूदाने के पापड़ और एक सूखी सब्जी दी जा रही है। बाबा सम्मी हलवाई के प्रोपराइटर लकी ने बताया कि यह थाली व्रती थाली के नाम से जानी जाती है।
इस थाली की कीमत 199 रुपए रखी गई है।व्रती थाली की मांग भी काफी अधिक है। लकी ने बताया कि हरदोई में बहुत लोग है जो चैत्र नवरात्रि के व्रत रखते हैं लेकिन सरकारी और प्राइवेट नौकरी के चलते अकेले शहर में रह रहे हैं ऐसे में व्रत का भोजन बनाने में उन्हें काफी समस्याएं होती थी। उनकी समस्याओं को देखते हुए व्रती थाली पूरी शुद्धता के साथ बनाई गई है।