Hardoi News: डायलिसिस के लिये मरीजों को मिल रहीं वेटिंग, दो मशीनें हुई ख़राब
Hardoi News Today: डायलिसिस केंद्र प्रभारी आयुष यादव ने मशीन को सही करने के लिए विभाग को पत्र लिखकर इंजीनियर को बुलाया है लेकिन अभी तक इंजीनियर नहीं पहुंचा है जिसका असर मरीजों पर पड़ रहा है।;
Hardoi News Today Patients are Waiting for Dialysis in Medical College
Hardoi News: हरदोई में एक बार फिर स्वास्थ्य सेवाएं दम तोड़ती नजर आ रही हैं। हरदोई के मेडिकल कॉलेज में लोगों की सुविधा के लिए लगी मशीन अधिकतर खराब रहती हैं या फिर अन्य किसी भी कारण से व संचालित नहीं होती है जिसका असर मेडिकल कॉलेज पहुंचने वाले मरीजों पर देखने को मिलता है। हरदोई मेडिकल कॉलेज खुलने के बाद लोगों को उम्मीद थी कि अब उन्हें दूसरे जनपदों की दौड़ नहीं लगानी होगी। जनपद में ही सारी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध होगी हालांकि लोगों की यह उम्मीद सिर्फ उम्मीद बनकर रह गई है। हरदोई में मशीनों के खराब हो जाने से मरीजो को दूसरे जनपद की दौड़ आज भी लगानी पड़ रही है। हरदोई में पीपीपी मॉडल से लगाई गई डायलिसिस मशीन से लोगों को बड़ी राहत मिली थी। जनपद के लोग हरदोई मेडिकल कॉलेज में डायलिसिस के लिए पहुंच रहे थे।
आलम यह था कि आसपास के जनपद से भी लोग हरदोई डायलिसिस कराने आ रहे थे। लेकिन एक बार फिर हरदोई मेडिकल कॉलेज में लगी डायलिसिस मशीन खामी के चलते बंद हो गई जिससे मरीजों को काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। आलम यह है कि मरीजों को सुबह से शाम हो जा रही है डायलिसिस कराने में जबकि अधिकांश मरीजों को समय और तिथि देकर भेज दिया जा रहा है। डायलिसिस केंद्र प्रभारी आयुष यादव ने मशीन को सही करने के लिए विभाग को पत्र लिखकर इंजीनियर को बुलाया है लेकिन अभी तक इंजीनियर नहीं पहुंचा है जिसका असर मरीजों पर पड़ रहा है।
डायलिसिस मशीन औऱ बेड बढाने की मांग
हरदोई मेडिकल कॉलेज में डायलिसिस के लिए 10 मशीन और बेड लगाए गए थे जो कि समय के साथ अब कम भी पढ़ रहे हैं। हरदोई मेडिकल कॉलेज में संचालित हो रही 10 डायलिसिस मशीन में से दो मशीनों के खराब हो जाने से मरीजो को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। दो मशीनों के खराब होने से मरीजों को प्रतीक्षा सूची में डालना पड़ रहा है वहीं जिन मरीजों का नंबर आ रहा है उन्हें डायलिसिस कराने में सुबह से शाम हो जा रही है। डायलिसिस केंद्र प्रभारी आयुष यादव के मुताबिक उनके द्वारा मशीनों को सही कराने के लिए इंजीनियर को बुलाया गया लेकिन अब तक इंजीनियर नहीं पहुंचा है। आयुष ने कहा कि उच्च अधिकारियों को इस विषय की जानकारी देकर इंजीनियर की मांग करेंगे।आयुष ने बताया कि खराब हुई दो डायलिसिस मशीनों में से एक की बैटरी खराब हो गई है जबकि दूसरे का तार कट गया है जिसकी वजह से दो डायलिसिस मशीन संचालित नहीं हो पा रही हैं। मेडिकल कॉलेज में लगभग 40 मरीजों की डायलिसिस प्रतिदिन होती थी जो कि अब मात्र 27 से 30 मरीज ही डायलिसिस करवा हो रही हैं लगभग 150 मरीज डायलिसिस के लिए प्रतीक्षा सूची में रहते हैं। डायलिसिस को लेकर दिन पर दिन बढ़ रही मरीजों की संख्या को देखते हुए डायलिसिस केंद्र प्रभारी आयुष मेडिकल कॉलेज प्रशासन से डायलिसिस मशीन और बेड को बढ़ाने की मांग की है जिससे की मेडिकल कॉलेज में डायलिसिस को लेकर प्रतीक्षा सूची को कम किया जा सके।