हाथरस काण्ड पर फूटा लोगों का गुस्सा, यहां 236 लोगों ने एक साथ छोड़ा हिन्दू धर्म

भारत के अंदर धर्म परिवर्तन का मामला आज का नहीं बल्कि बहुत ही पहले से चलता आ रहा है। इस पर किसी को एतराज भी नहीं है। लेकिन हाल के दिनों में इसमें काफी बदलाव देखने को मिला है। लोग अब बात-बात अपना धर्म छोड़ने की धमकी देने लगे हैं। अगर पुलिस उनकी बात नहीं सुनती हैं तो भी वे गुस्से में अपना धर्म बदलने की बात करने लगते हैं। इस पर सभी को मिलकर बात करने और विचार करने की जरूरत है।

Update: 2020-10-21 07:33 GMT
इन तमाम लोगों ने आरोप लगाया कि उनकी आर्थिक स्थिति बेहद खराब है। पुलिस भी उनकी नहीं सुनती है। उनके गांव में सवर्ण समाज के लोग बहुसंख्यक हैं, जिस वजह से उनके साथ बुरा बर्ताव किया जाता है।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के हाथरस कांड का मामला लगातार तूल पकड़ता ही जा रहा है। सीबीआई अब इस पूरे घटनाक्रम की जांच कर रही है। मामला कोर्ट के संज्ञान में है। पीड़िता के परिवार को यूपी सरकार की तरफ से सुरक्षा भी मुहैया कराई गई है।

इस घटना को लेकर लोगों के मन में रोष कम होने का नाम नहीं ले रहा है। वाल्मीकि समुदाय के लोग बेहद नाराज और दुखी हैं।

गाजियाबाद से खबर आ रही है कि यहां पर यूपी सरकार और प्रशासन के रवैये से नाराज होकर वाल्मीकि समुदाय के करीब 236 लोगों ने हिंदू धर्म छोड़कर बौद्ध धर्म स्वीकार अपना लिया। ये पूरा वाकया गाजियाबाद के करहैड़ा गांव का है।

हाथरस कांड के बारे में मीडिया से बात करते पीड़िता के परिजन(फोटो:सोशल मीडिया)

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भेदभाव और जातीय उत्पीड़न का लगाया आरोप

बताया जा रहा है कि यहां वाल्मीकि समुदाय के लोगों ने अपने साथ भेदभाव और जातीय उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए हिंदू धर्म छोड़कर बौद्ध धर्म अपना लिया है।

बौद्ध धर्म में शामिल होने के बाद मीडिया से बात करते हुए इन तमाम लोगों ने आरोप लगाया कि उनके गांव में सवर्ण समाज के लोग बहुसंख्यक हैं, जिस वजह से उनके साथ बुरा बर्ताव किया जाता है। उनकी आर्थिक स्थिति बेहद खराब है। पुलिस भी उनकी नहीं सुनती है।

हर जगह से उन्हें बस अपमान का घूंट पीना पड़ता है। इसकी वजह से उन्होंने 14 अक्टूबर को बौद्ध धर्म स्वीकार कर लिया। डॉ. बीआर अंबेडकर के पड़पोते राजरत्न अंबेडकर ने 50 परिवारों को बौद्ध धर्म की दीक्षा दिलाई। बौद्ध धर्म में शामिल होने के बाद वे खुद को खुश महसूस कर रहे हैं।

बौद्ध धर्म अपनाने वाले लोगों ने हाथरस की घटना पर अपना गुस्सा जाहिर किया है। पुलिस ने जिस तरह से रात के अंधेरे में पीड़िता का अंतिम संस्कार किया, उसको लेकर भी ये लोग दुखी है। ये लोग प्रदेश सरकार से भी बेहद नाराज हैं।

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पुलिस की फोटो(सोशल मीडिया)

हिंदू समाज हमें गलत नजर से देखता है

इस बारे में पवन वाल्मीकि नाम के एक युवक ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हाथरस की घटना के बाद से योगी सरकार पर से हमारा भरोसा उठ गया है।

हिंदू समाज के लोग हमें अपना नहीं मानते और मुस्लिम समाज हमें कभी भी नहीं अपनाएगा। हाथरस की घटना सामने आने के बाद हमें ऐसा लगा कि ये सरकार कभी ना हमें स्वीकार करेगी और ना हमारी सहायता करेगी। तो हमारे सामने बस एक यही विकल्प मचा था। इसलिए हमने इस तरह का कदम उठाया।

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