Hathras Stampede: भारी भीड़ व कीचड़ के बीच बाबा का दरबार और लाशों का अंबार... लोगों ने सुनाया दर्दनाक मंजर का वो हाल

Hathras Stampede: यूपी के हाथरस में जिस जगह पर सत्संग चल रहा था, वहां देखते ही देखते श्मशान बन गया। अस्पताल के बाहर मौजूद एक व्यक्ति ने बताया कि सत्संग में जाने से पत्नी को मना किया था, लेकिन वह नहीं मानी। भगदड़ में उसकी मौत हो गई।

Written By :  Ashish Kumar Pandey
Update: 2024-07-03 04:52 GMT

Hathras satsang hadsa  (photo: social media )

उत्तर प्रदेश के हाथरस में मंगलवार को सत्संग के बाद हुई भगदड़ की घटना ने पूरे देश झकझोर कर रख दिया है। स्तब्ध कर देने वाली इस घटना का सोचिए क्या भयावह मंजर रहा होगा। सत्संग के बाद बाबा के दरबार में लाशों का अंबार लग गया। देखते ही देखते पूरा का पूरा परिसर श्मशान बन गया। हर तरफ चीख पुकार, जो गिरा उसे उठने का मौका ही नहीं मिला। इस घटना में अभी तक 121 लोगों की मौत हो चुकी है। इस सत्संग का आयोजन नारायण साकार हरि नाम का बाबा कर रहा था। मंगलवार को इस सत्संग में बाबा से आशीर्वाद लेने के लिए एक लाख से ज्यादा लोग पहुंचे थे।

हमारी किस्मत अच्छी थी कि...

हाथरस हादसे के दौरान वहां मौजूद थे कुछ लोगों ने रोंगटे खड़े कर देने वाले इस दिल दहला देने वाले मंजर के बारे में बताया। ये लोग हादसे के तुरंत बाद अपने घर को वापस हो गए। एक व्यक्ति ने उस भयावह मंजर के बारे में बताते हुए कहा कि देखते ही देखते हमारी आंखों के सामने ही दो लोगों ने दम तोड़ दिया, हमारी किस्मत अच्छी थी जो हम वहां से बचकर निकल आए। जिस हिसाब से वहां भीड़ थी और कम पुलिसकर्मी तैनात थे, उससे भीड़ पर काबू पाना बहुत मुश्किल था।

बाबा से मिलने के लिए दौड़ी महिलाएं और मच गया भगदड़-

घटना के समय वहां मौजूद कुछ प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि जब सत्संग खत्म हुआ तो बाबा से मिलने के लिए महिलाएं उनकी गाड़ी के पीछे दौड़ीं, जिसके बाद ही यह भगदड़ मच गई। सत्संग स्थल पर बहुत ज्यादा भीड़ और गर्मी थी। लोग पंडाल से जल्दी बाहर निकलने के चक्कर में भागने लगे। बारिश के कारण मिट्टी भी गीली थी, जिससे काफी कीचड़ हो गया था, जिससे कई लोग फिसल कर गिर गए और जो गिर गया उसे उठने का मौका ही नहीं मिला। वहीं अगर प्रशासन पहले से मुस्तैद होता तो आज इतना बड़ा हादसा टल सकता था।


बाबा को सामने आना चाहिए-

इस घटना में सैकड़ों लोग घायल हैं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घायलों में कई लोगों की हालत गंभीर है तो मामूली रूप से कई घायलों को प्राथमिक इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। वहीं हाथरस के जिला अस्पताल में मौजूद कुंवर पाल ने आपबीती बताते हुए उस भयावत मंजर का हाल बयान किया। उसने कहा कि इस भगदड़ में उनके साढ़े तीन साल के भतीजे की मौत हो गई है। अभी तक उसकी मां की कोई खबर नहीं है। परिवार मां की तलाश में अलग-अलग अस्पतालों के चक्कर काट रहा है। कुंवर पाल ने बताया कि साढ़े तीन साल का भतीजा अपनी मां के साथ समागम में गया था। उन्होंने कहा कि बाबा को सामने आना चाहिए, क्योंकि इतना बड़ा हादसा हो गया है। काफी लोग मर गए। उनके परिवार वाले काफी परेशान हैं।


बेटी तो बच गई लेकिन पत्नी की हो गई मौत-

वहीं मेहताब नाम के एक शख्स ने बताया कि वो अलीगढ़ के रहने वाले हैं। उनकी पत्नी बाबा को काफी मानती हैं। उन्होंने कई बार पत्नी गुड़िया देवी को बाबा के सत्संग में जाने के लिए मना किया था, लेकिन वह नहीं मानी। पत्नी घर के पड़ोस में रहने वाली चाची, अपनी बेटी और बहन के साथ समागम में गई थी। वहां भगदड़ मच गई। भगदड़ में बेटी तो बच गई, लेकिन तीनों महिलाओं की मौत हो गई। मेहताब ने आगे कहा कि बाबा कोई भगवान नहीं है, वह बहुत बड़ा ढोंगी है, उसको सामने आना चाहिए।


जो भी दोषी होगा, उसे सजा मिलेगी- असीम अरुण

हाथरस में हुई भगदड़ की घटना को लेकर योगी सरकार में मंत्री असीम अरुण ने कहा कि मैंने इस घटना में घायलों से बात की है। अब तक मिली जानकारी के अनुसार इस हादसे में 121 लोगों की मौत हो गई है। घायलों का अलीगढ़ और हाथरस के विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है। एफआईआर दर्ज कर ली गई है जो भी दोषी होगा, उसे सजा मिलेगी। डीजी जोन आगरा की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई है और मुख्यमंत्री को रिपोर्ट सौंपी जाएगी। यह देखना होगा कि विभिन्न एजेंसियों ने अपना काम किया है या नहीं।


सूरजपाल है बाबा का नाम, 1990 में छोड़ दी थी पुलिस की नौकरी-

भोले बाबा का असली नाम सूरजपाल है। वह यूपी के कासगंज जिले के बहादुर नगर का मूल निवासी है। सूरजपाल ने 1990 के दशक के अंत में एक पुलिसकर्मी के रूप में नौकरी छोड़ दी थी और प्रवचन देना शुरू किया था। बाबा ने सत्संग (धार्मिक उपदेश) करना शुरू कर दिया। सूरजपाल उर्फ भोले बाबा की कोई संतान नहीं है। सत्संग में बाबा की पत्नी भी साथ रहती है। वह अनुसूचित जाति (एससी) समुदाय से आते हैं। बहादुर नगर में आश्रम स्थापित करने के बाद भोले बाबा की प्रसिद्धि गरीबों और वंचित वर्गों के बीच तेजी से बढ़ी और लाखों लोग उसके अनुयायी बन गए।


घटना को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने क्या कहा?

घटना को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि घटना बेहद दुखद और दिल दहला देने वाली है। स्थानीय आयोजकों ने भोले बाबा का कार्यक्रम आयोजित किया था। कार्यक्रम के बाद जब सत्संग के प्रचारक नीचे आ रहे थे, अचानक श्रद्धालुओं की भीड़ उन्हें छूने के लिए बढ़ने लगी और जब सेवादारों ने उन्हें रोका तो वहां भगदड़ मच गई और ये हादसा हो गया। सीएम ने कहा है कि इस मामले की जांच के लिए हमने एडिशनल डीजी आगरा की अध्यक्षता में टीम गठित कर दी है। उन्हें विस्तृत रिपोर्ट देनी है। घटना के मद्देनजर राज्य के मुख्य सचिव और डीजीपी वहां कैंप कर रहे हैं। राज्य सरकार के तीन मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण, संदीप सिंह और असीम अरुण तीनों घटनास्थल पर हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को हाथरस पहुंचेंगे। वे यहां सत्संग में मची भगदड़ को लेकर अधिकारियों से जानकारी लेंगे और घायलों और पीड़ित परिवारों से भी मिलेंगे।

Tags:    

Similar News