Hathras News: आधा दर्जन राज्यों में फैला है ऑनलाइन बेटिंग एप का जाल, सरगना गिरफ्तार, पुलिस ने किया खुलासा
Hathras News: ऑनलाइन बेटिंग एप से ठगी करने वाले गैंग लीडर को एसओजी टीम, कोतवाली सदर व साइबर थाना पुलिस के शहर की चूड़ी वाली गली से गिरफ्तार किया है।;
ऑनलाइन बैटिंग के सरगना की गिरफ्तारी के बाद खुलासा करते एसपी (Photo- Social Media)
Hathras News: ऑनलाइन बेटिंग लगवाकर लोगों के साथ ऑनलाइन ठगी करने वाले गैंग का नेटवर्क आधा दर्जन से अधिक राज्यों में फैला है। ऑनलाइन बेटिंग एप से ठगी करने वाले गैंग लीडर को एसओजी टीम, कोतवाली सदर व साइबर थाना पुलिस के शहर की चूड़ी वाली गली से गिरफ्तार किया है। उसके पास से पुलिस ने करीब 12 करोड़ रुपए के बैनामा, दो लैपटॉप, 318080 रुपए, चार मोबाइल फोन व तीन फर्जी आधार कार्ड बरामद किए हैं। कोतवाली सदर में पुलिस अधीक्षक ने ऑनलाइन बैटिंग एप को लेकर खुलासा किया।
महाकाल व रानी तिवारी नाम से हैं ऑनलाइन बेटिंग एप
कोतवाली सदर इलाके की चूड़ी वाली गली निवासी पीयूष मित्तल पुत्र विनोद कुमार मित्तल महाकाल व रानी तिवारी नाम से दो ऑनलाइन बेटिंग एप चलाता है। जिसमें आम लोगों को एक दो बार जीता कर उनको बैटिंग एप में पैसा लगाने की लत लगा देता था और फिर हार ही होती थी, जो व्यक्ति रुपये देने में असमर्थ होते थे, उनकी सम्पत्ति का बैनामा करा लेते था। इस प्रकार से अवैध रुपए से करोड़ों की सम्पत्ति कमाई।
महिला की शिकायत पर हुई कार्रवाई
कोतवाली सदर इलाके के सीयल खेड़ा निवासी एक महिला ने कोतवाली नगर पर शिकायत की कि उसके पति को पीयूष मित्तल व विकास कुमार शर्मा ने आईपीएल एवं ऑनलाइन गेमिंग में खेलकर करोड़ों रुपये जिताने का लालच देकर करीब 30 लाख रुपये हड़प लिए और उनके मकान का बैनामा भी अपने नाम करा लिया है। पीयूष मित्तल के मिर्च के गौदाम है, उसी की आड में ये ठगी करते हैं। तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने अपनी कार्रवाई शुरू की।
पुलिस अधीक्षक चिरंजीव नाथ सिन्हा ने बताया कि साक्ष्य संकलन की कार्यवाही करते हुए गैंग का पर्दाफाश करने के लिए सीओ सदर योगेन्द्र कृष्ण नारायाण के नेतृत्व में एसओजी टीम, प्रभारी निरीक्षक थाना कोतवाली सदर, प्रभारी निरीक्षक थाना साईबर क्राइम की अलग अलग टीमें गठित की गईं। संयुक्त कार्यवाही में छापेमारी करते हुए ऑनलाइन गेमिंग एप के माध्यम से बेटिंग लगवाकर ठगी करने वाले गैंग का पर्दाफाश करते हुए गैंगलीडर पीयूष मित्तल को रोडवेज वर्कशॉप चन्दपा बार्डर आगरा रोड से गिरफ्तार कर लिया गया।
ये सब किया बरामद
पुलिस ने पीयूष मित्तल के कब्जे से 3,18,000 रुपये, मकान, कृषि भूमि व प्लाट की 18 रजिस्ट्रीकृत बैनामा, जिसकी मालियत करीब 12.50 करोड रुपये है, दो लैपटॉप, चार मोबाइल फोन, दो फर्जी व एक सही आधार कार्ड बरामद किए गए।
पूछताछ में बोला पीयूष मित्तल
एसपी चिंरजीव नाथ सिंह ने बताया कि गैंग लीडर पीयूष मित्तल ने पूछताछ में में बताया कि वह एक मास्टर एप दिल्ली, जयपुर, वेस्ट बंगाल से लेता है, उस मास्टर एप-पैनल को वह रानी तिवारी के नाम से चलाता है। आईडी पासवर्ड को चालू करता है। खेलने वालों को यह आईडी पासवर्ड उपलब्ध कराया जाता है। अकाउन्ट पर पैसे डलवाए जाते थे। जो पैसे आते थे, उसमें से 05 प्रतिशत एक्सट्रा कोइन के साथ सभी कोइन आइडी पासवर्ड वाले लिंक में जमा कर दिये जाते हैं। उसके बाद खेलने वाले उस खेल पर बैटिंग लगाते हैं, यदि हार जाते हैं तो उसका उसे कोई पैसा नहीं मिलता है और जीत जाते है तो उस पैसे का सौ गुने मुनाफे तक दिया जाता है।
जीत का चस्का लगाकर हराते हैं
ऑनलाइन एप में पैसा लगाने वाले व्यक्ति को शुरुआत में एक या दो बार जीताते, उसके बाद हारते ही रहते हैं। यदि हारने वाला पैसा नहीं देता है तो आरोपी पीयूष मित्तल आदि उसकी प्रोपर्टी का बैनामा अपने व अपने परिवार वालों के नाम करा लेते हैं। जो पैनल या मास्टर एप प्राप्त करता है, उसमें उसका पचास प्रतिशत शेयर रहता है। आरोपी पीयूष मित्तल के नाम पर कैनरा बैंक, बीओबी बैंक, एसबीआई बैंक, बन्धन बैंक, एचडीएफसी बैंक, इनडुस बैंक, उत्कर्ष बैंक में सेविंग अकाउन्ट हैं, जिन पर मोबाइन लंबर 8273947623, 9717462878 व 8273947623 हैं। इसके अलावा आरोपी पीयूष मित्तल की मां पूनम मित्तल के नाम पर एसबीआई, कैनरा बैंक, एचडीएफसी बैंक में भी अकाउन्ट हैं।
पत्नी ज्योति के नाम एचडीएफसी व यूनियन बैंक में खाता है। जब आरोपी पीयूष मित्तल मास्टर एप व पैनल प्राप्त करता है तो अपनी आईडी बनाने के लिए नकली आधार कार्ड का प्रयोग करता है, जिससे कि कोई कार्ड देखे तो पैनल वाला पकडा जाये, वह न पकडा जायें। फर्जी आधार कार्ड आऱोपी पीयूष मित्तल स्वंय बना लेता था।