Hathras Hadsa Update : हाथरस हादसे की होगी न्यायिक जांच, 'भोले बाबा' का नाम एफआईआर में क्यों नहीं, सीएम ने दिया जवाब?

Hathras Hadsa Update : प्रदेश के हाथरस में हुए हादसे के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ एक्शन में हैं। वह बुधवार को हाथरस पहुंचे, जहां उन्होंने घायलों का हाल जाना। इसके साथ ही उन्होंने घटना की न्यायिक जांच के आदेश भी दिए हैं।

Report :  Rajnish Verma
Update:2024-07-03 19:21 IST

Hathras Hadsa Update : प्रदेश के हाथरस में हुए हादसे के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ एक्शन में हैं। वह बुधवार को हाथरस पहुंचे, जहां उन्होंने घायलों का हाल जाना। इसके साथ ही उन्होंने घटना की न्यायिक जांच के आदेश भी दिए हैं। 'भोले बाबा' का नाम एफआईआर नहीं शामिल होने को लेकर पत्रकारों ने जब सीएम योगी के सामने सवाल किया तो उन्होंने कहा कि सबसे पहले उन लोगों के खिलाफ एफआईआर होती है, जिन लोगों ने परमीशन ली थी। उन्होंने कहा कि घटना की जांच शुरू कर दी गई है, जो भी लोग दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई होगी, किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने हाथरस हादसे को लेकर प्रेसवार्ता की। उन्होंने कहा कि हाथरस के सिकंदराराऊ में दुखद घटना हुई है। शासन स्तर पर पहले राहत एवं बचाव कार्य को आगे बढ़ाया गया है। उन्होंने बताया कि इस हादसे में 121 श्रद्धालुओं की मौत हुई है, जो उत्तर प्रदेश के साथ हरियाणा, राजस्थान और मध्य प्रदेश से भी जुड़े थे। उत्तर प्रदेश में हाथरस, बदायूं, कासगंज, अलीगढ़, एटा, ललितपुर, शाहजहांपुर, फिरोजाबाद, मथुरा, औरैया, पीलीभीत और सोनभद्र सहित 16 जिलों से आये थे। 121 में से 6 मृतक अन्य राज्य के थे, जिसमें मध्य प्रदेश और राजस्थान से एक-एक और हरियाणा के 04 लोग थे। उन्होंने कहा कि 31 लोग घायल हैं, जिनका अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है।

सेवादारों के धक्का देने के बाद हुआ हादसा

सीएम योगी ने कहा कि मैंने घायलों से बात की है, उन्होंने बताया कि हादसा कार्यक्रम के बाद हुआ है। सत्संग में जो अपना कथावाचन करने आये थे, उनकी कथा समाप्त होने के बाद महिलाओं का एक दल उनको छूने के लिए आगे बढ़ा, इस दौरान सेवादारों ने उन्हें रोकने के लिए धक्का दिया, जिसके बाद जीटी रोड के पास हादसा हुआ। उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम में जो सेवादार होते हैं, वो प्रशासन को कार्यक्रम में घुसने नहीं देते, जब हादसा हुआ तो अस्पताल ले जाने के दौरान सारे सेवादार भाग गए। पत्रकारों ने जब 'भोले बाबा' का नाम एफआईआर में नहीं होने को लेकर सवाल किया इस पर सीएम योगी ने कहा कि सबसे पहले एफआईआर उन लोगों के खिलाफ होती है, जिन्होंने आयोजन के लिए परमीशन मांगी थी। आयोजकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो चुकी है, जांच शुरू हो गई है। इस घटना के लिए जो भी लोग दोषी पाए जाएंगे। उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि किसी भी दोषी को छोड़ा नहीं जाएगा।

घटना की न्यायिक जांच होगी

सीएम योगी ने कहा कि एडीजी के निर्देशन में जांच कमेटी गठित हुई है, आयोजकों से जांच में पूछताछ होगी, लापरवाही पर जवाबदेही तय होगी। उन्होंने कहा कि हम इसका खंडन नहीं करते कि इस तरह का हादसा नहीं हो सकता, इस घटना के पीछे साजिश किसकी है? इसलिए हम इसकी एक ज्यूडिशियल इंक्वायरी करवाएंगे, जिसमे हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज व प्रशासनिक रिटायर्ड अधिकारी होंगे। इसके बाद उनके सुझाव को हम आगे लागू करेंगे, जिससे भविष्य में ऐसी घटना न हो। दोषियों को सजा मिलेगी, घटना की जिम्मेदारी जवाबदेही तय होगी। ज्यूडिशियल इंक्वायरी के बारे में आज ही नोटिफिकेशन जारी हो जाएगा।

सेवादारों ने प्रशासन का सहयोग नहीं लिया

सीएम योगी ने कहा कि कुछ लोगों की प्रवृत्ति होती है जो इस तरह की दुखद घटना पर भी राजनीति करने से बाज नहीं आते है। उन्होंने कहा कि अब उन सज्जन (भोले बाबा) के साथ उन लोगों की फोटो सार्वजनिक है, किसके साथ सम्बंध हैं सब देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो निर्दोष लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ करते हैं, उनकी जवाबदेही तय होगी। सीएम योगी ने आगे कहा कि जब लोग श्रद्धा के साथ श्रद्धालु आते हैं तो उस आयोजन में अनुशासन होता है, लेकिन जब ऐसे कार्यक्रमों में कुछ साजिश होती है तो इस तरह की घटना होती है, सेवादारों ने प्रशासन का सहयोग नहीं लिया है। सेवादारों ने लोगों को मरने दिया औऱ भाग खड़े हुए।

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