इलाहाबाद: हाईकोर्ट ने प्रदेश के मुख्य सचिव से उच्चतर नियुक्ति संबंधी दस्तावेज खोने के बावत व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। जांच रिपोर्ट बुधवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत की गई।
मामले की सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति अरुण टंडन और न्यायमूर्ति ए.के. मिश्र की खंडपीठ ने रिपोर्ट देखने के बाद मुख्य सचिव से पूछा है कि रिपोर्ट में उन सभी कागजातों का जिक्र है या नहीं, जिनके खोने की बात सामने आ रही थी। कोर्ट ने यह भी पूछा है कि उनके द्वारा समय-समय पर दिए गए निर्देशों का पालन किया गया या नहीं। उल्लेखनीय है, कि डॉ.धीरेन्द्र सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने उनके काम करने पर रोेक लगा दी थी।
याचिका में क्या कहा गया ?
-याचिका में कहा गया है कि संजय कुमार सिंह ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र का उपयोग कर नौकरी हासिल की है।
-उनकी कानपुर विश्वविद्यालय की डिग्री भी फर्जी है।
-संजय सिंह खुद को अनुसूचित जनजाति का बताते हैं मगर उनकी जाति उप्र में अधिसूचित नहीं है।
-इसके बावजूद आयोग द्वारा उन्हें उच्चतर शिक्षा सेवा चयन आयोग के सचिव जैसे महत्वपूर्ण पद पर नियुक्ति दे दी गई।
-याचिका पर अगली सुनवाई 22 जुलाई को होगी।