आलोक रंजन के खिलाफ PIL दायर करने पर नूतन ठाकुर पर कोर्ट ने ठोंका 25 हजार का हर्जाना
लखनऊ: हाईकोर्ट ने पूर्व चीफ सेक्रेटरी आलोक रंजन का 31 मार्च 2016 से तीन माह के लिए कार्यकाल बढ़ाए जाने को चुनौती देने वाली दो याचिकायें खारिज करते हुए याचियों नूतन ठाकुर और जीएफ रिबेरियो पर 25-25 हजार का हर्जाना ठोका
याचिका उसी कार्यकाल के दौरान दायर की गई थी जिस पर बुधवार को फैसला आया। जस्टिस सुधीर अग्रवाल और जस्टिस राकेश श्रीवास्तव की बेंच ने फैसला देते हुए कहा कि आईएएस अफसर का कार्यकाल बढ़ाए जाने का सरकार का निर्णय पूरी तरह से प्रशासनिक होता है। जिसमें दखल का प्रश्न नहीं होता। कोर्ट ने यह भी कहा कि याचियों को कार्यकाल बढ़ाए जाने से व्यक्तिगत कोई कानूनी छवि नहीं हुई परंतु उन्होंने बिजी बाडी के रूप में कानून का दरुपयोग करते हुए याचिकायें दायर कीं।