कोरोना वायरस को लेकर HC में याचिका, कोर्ट ने योगी सरकार से मांगा जवाब

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को कोरोनावायरस से बचाव के लिए सावधानीपूर्ण कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। हाईकोर्ट ने कहा- ''बाहर से आने वाले लोगों के परीक्षण के लिए हाईकोर्ट परिसर इलाहाबाद व लखनऊ बेंच में सभी प्रवेश द्वारों पर थर्मल स्कैनर का इंतजाम किए जाएं।

Update: 2020-03-08 13:02 GMT

नोएडा: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को कोरोनावायरस से बचाव के लिए सावधानीपूर्ण कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। हाईकोर्ट ने कहा- ''बाहर से आने वाले लोगों के परीक्षण के लिए हाईकोर्ट परिसर इलाहाबाद व लखनऊ बेंच में सभी प्रवेश द्वारों पर थर्मल स्कैनर का इंतजाम किए जाएं। जांच के लिए जरूरी स्टाफ की तैनाती की जाए।

17 मार्च को कोरोना वायरस पर रिपोर्ट तलब

साथ ही इसके लिए उठाए गए कदम की रिपोर्ट 17 मार्च को तलब की है। कोर्ट ने महानिबंधक से भी कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है।''यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति गोविंद माथुर एवं न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा की खंडपीठ ने शशांकश्री त्रिपाठी की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए रविवार को दिया। याचिका में हाईकोर्ट के दोनों परिसरों को कोरोना वायरस से मुक्त रखने के लिए आवश्यक कदम उठाने की मांग की गई है।

याचिका में क्या कहा गया

जनहित याचिका में इलाहाबाद हाई कोर्ट की प्रधानपीठ और लखनऊ खंडपीठ में कोरोना फैलने से रोकने के लिए उपाय करने की मांग की गई है। याचिका में इलाहाबाद हाई कोर्ट और लखनऊ खंडपीठ में थर्मल स्कैनिंग लगाने की मांग की गई है।

याचिका में पूरे हाई कोर्ट परिसर की साफ-सफाई की भी मांग की गई है। याचिकाकर्ता शशांक त्रिपाठी ने कहा कि हाई कोर्ट में पूरे प्रदेश से लोग मुकदमों की सुनवाई के लिए आते हैं, इसलिए यहां पर कोरोना वायरस के संक्रमण की सबसे ज्यादा संभावना बनी रहती है।

याचिका में कहा गया है कि अगर हाई कोर्ट में कोरोना वायरस का संक्रमण फैल गया तो कोर्ट को भी बंद करना पड़ सकता है, जिससे मुकदमों की सुनवाई प्रभावित होगी।

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