वाराणसी: बनेगा धर्मार्थ कार्य विभाग का मुख्यालय, धर्म से जुड़े कार्यों को मिलेगी गति
प्रदेश के पर्यटन, संस्कृति, धर्मार्थ कार्य एवं प्रोटोकॉल राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉक्टर नीलकंठ तिवारी ने बताया कि 1985 में धर्मार्थ कार्य विभाग बनाया गया। लेकिन इसका निदेशालय अभी तक नहीं बनाया गया और लोग इस विभाग को उपेक्षा की दृष्टि से देखते थे।
वाराणसी: धर्म नगरी वाराणसी को एक और तोहफा मिलने जा रहा है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में लखनऊ में हुए मंत्री परिषद की बैठक में लिये गये निर्णयानुसार धर्मार्थ कार्य विभाग का मुख्यालय (निदेशालय) बनारस में बनेगा। प्रदेश स्तर का बनारस में बनाने वाला यह पहला निदेशालय होगा
अब तक नहीं बना था विभाग का मुख्यालय
जानकारी देते हुए प्रदेश के पर्यटन, संस्कृति, धर्मार्थ कार्य एवं प्रोटोकॉल राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉक्टर नीलकंठ तिवारी ने बताया कि 1985 में धर्मार्थ कार्य विभाग बनाया गया। लेकिन इसका निदेशालय अभी तक नहीं बनाया गया और लोग इस विभाग को उपेक्षा की दृष्टि से देखते थे। लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में शुक्रवार को लखनऊ में हुए मंत्री परिषद की बैठक में धर्मार्थ कार्य विभाग का निदेशालय (मुख्यालय) बनारस में बनाए जाने का निर्णय लिया गया हैं।
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धर्म और पर्यटन से जुड़े कार्यों को मिलेगी गति
उन्होंने बताया कि बनारस में धर्मार्थ कार्य विभाग का मुख्यालय बनने से धर्म स्थलों, मंदिरों aur मठों की गतिविधि जुड़ेगा और इनके सौंदर्यीकरण aur विकास कार्यों से संबंधित योजनाओं परियोजनाओं के संचालन में गति मिलेगा। आपको बता दें की काशी को धर्म और संस्कृति की राजधानी भी कहा जाता है। इस बीच हाल के सालों में प्रदेश सरकार के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह से काशी को सजाने और संवारने की पहल की है, उससे शहर की रौनक़ और बढ़ गई गई है।
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