विजय माल्या की कंपनी के कुछ अधिकारियों के खिलाफ इस मामले में हुई सुनवाई

अधिकारियों ने हाईकोर्ट के समक्ष इसी आरेापपत्र को चुनौती दी है। याचिका में कहा गया है कि आरेापपत्र बिना किसी ठेास सबूत के ही लगा दिया गया है जबकि याचीगणों पर केाई मामला बनता ही नहीं है।

Update: 2019-03-14 15:40 GMT
प्रतीकात्मक फोटो

लखनऊ: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में यूनाइटेड बेवरेजेज के यूपी में तैनात रहे कुछ वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ पुलिस द्वारा अमानत में खयानत और धोखाधड़ी के आरेापेां में प्रेषित एक आरोपत्र केा चुनौती देने के मामले में सुनवायी शुक्रवार को जारी रहेगी। गुरूवार को भी मामले की सुनवायी चली। यह सुनवायी जस्टिस रेखा दीक्षित की बेंच के समछ चल रही है।

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दरअसल यूनाइटेड बेवरेजेज नाम की जिस कम्पनी में याचीगण कार्यरत थे उसके मुखिया फरार घेाषित चल रहे उद्योगपति विजय माल्या थे। कम्पनी के अधिकारियों अखिल शारदा व अन्य ने सीआरपीसी की धारा 482 के तहत एक याचिका पेश अपने खिलाफ प्रेषित आरेापपत्र को रद करने की मांग की है।

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याचीगण पर आरोप है कि लखनऊ के एक स्टॉकिस्ट द्वारा भुगतान के बावजूद माल नहीं भेजा गया व उल्टा आरोपी अधिकारियों ने नोएडा में एफआईआर करा दी कि ट्रक ड्राइवर माल लेकर फरार हो गया। पुलिस विवेचना में सामने आया कि जिस ट्रक पर माल लादे जाने का दावा आरोपी अधिकारियों द्वारा किया जा रहा है, उससे माल भेजा ही नहीं गया था। अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने फर्जी बिल्टी आदि तैयार करा दी।

वहीं लखनऊ के स्टॉकिस्ट द्वारा दर्ज मामले में पुलिस ने चार्जशीट फाइल कर दी है। याचीगण अधिकारियों ने हाईकोर्ट के समक्ष इसी आरेापपत्र को चुनौती दी है। याचिका में कहा गया है कि आरेापपत्र बिना किसी ठेास सबूत के ही लगा दिया गया है जबकि याचीगणों पर केाई मामला बनता ही नहीं है।

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