Up News: भीषण गर्मी से यूपी में 128 मौतें! हीट वेव बनी काल, इन शहरों से सामने आए सबसे अधिक मामले
Up News: सिर्फ बलिया, देवरिया और प्रतापगढ़ मिलाकर ही करीब 128 लोग दम तोड़ चुके हैं। हालांकि आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि नहीं की जा रही है।
Up News: बेतहाशा गर्मी और हीट वेव की मार यूपी के खासकर पूर्वी हिस्सों में जानलेवा बन गई है। कई शहरों के सरकारी अस्पतालों में पैर रखने की जगह नहीं है। गर्मी से संबंधित बीमारियों जैसे डिहाइड्रेशन, लू-लगने आदि के मरीज यहां बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। सिर्फ बलिया, देवरिया और प्रतापगढ़ मिलाकर ही करीब 128 लोग दम तोड़ चुके हैं। हालांकि आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि नहीं की जा रही है। कहा जा रहा है कि अलग-अलग बीमारियों से ये मौतें हुईं हैं। दूसरी तरफ बलिया में हुई मौतों पर परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह का भी अजीबोगरीब बयान सामने आया है।
बलिया में जांच करने पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम
जनपद में रविवार तक 57 लोगों की गर्मी से मौत हुई। प्रदेश सरकार द्वारा गठित दो सदस्यीय टीम ने यहां हालात का जायजा लिया। टीम की अगुवाई कर रहे निदेशक संचारी रोग डॉ. एके सिंह ने कहा था कि डॉक्टरों की टीम को मरीजों के उपचार का समय तक नहीं मिल पाया। गौरतलब है कि पिछले तीन दिनों में यहां 57 लोगों की मौत अलग-अलग कारणों से हो गई। हालांकि मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी ने लू लगने से अब तक दो लोगों की मौत होने का दावा किया है। बाकी मौतों की वजह अन्य बताई गईं हैं।
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प्रतापगढ़ में 18 लोगों की गई जान
जनपद में अत्यधिक गर्मी और लू की चपेट में आने से पिछले 72 घंटों में 18 लोगों की जान गई है। इन सभी को जनपद के अलग-अलग अस्पतालों में इलाज के लिए भेजा गया था। लेकिन इन्हें बचाया नहीं जा सका। शहर का राजा प्रताप बहादुर चिकित्सालय मरीजों से खचाखच भरा हुआ है। जिन्हें संभालना और सही समय पर उपचार देना डॉक्टरों के लिए बड़ी चुनौती साबित हो रहा है। चिकित्सकों के मुताबिक अस्पताल पहुंचने वाले मरीज किसी न किसी बीमारी से पहले से पीड़ित थे। तेज धूप और गर्मी से ऐसे लोग हीट स्ट्रोक की गिरफ्त में भी आए। मौत की एक वजह यह भी हो सकती है। चिकित्सक लोगों को दोपहर में घर बाहर न निकलने और खाली पेट नहीं रहने की सलाह दी जा रही है।
देवरिया में 53 लोगों ने तोड़ा दम
पिछले 48 घंटों में देवरिया जनपद के भीतर 53 लोगों की हीट स्ट्रोक से मौत के मामले सामने आए हैं। देवरिया का तापमान अधिकतम 43 डिग्री के आसपास बना हुआ है। देवरिया मेडिकल कालेज और जिला अस्पताल में मरीजों की लाइन लगी हुई है। ज्यादातर मरीज हीट स्ट्रोक, डिहाइड्रेशन, उल्टी-दस्त, बुखार और लू-लगने जैसी बीमारियों का इलाज कराने यहां पहुंच रहे हैं।
परिवहन मंत्री का अजीबोगरीब बयान
योगी सरकार में परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने गर्मी से हो रही मौतों पर अजीबोगरीब बयान दिया है। मीडिया को दिए बयान में उन्होंने कहा कि गर्मी के समय में मृत्यु दर बढ़ जाती है। इसके पहले भी गर्मी के मौसम में ऐसा होता रहा है। बुजुर्ग लोग जो 60-70 साल के ऊपर के लोग हैं उनकी नेचुरल डेथ यानी स्वाभाविक मृत्यु भी हो रही है। सभी मामलों को गर्मी से मौत से जोड़कर नहीं देखना चाहिए।
गठित टीम के अगुवाई कर रहे डॉक्टर ने दी ये जानकारी
गर्मी से हुई मौतों के मामले की जांच कर रही स्वास्थ्य विभाग की टीम में संचारी रोग के निदेशक डॉ. एके सिंह ने मीडिया को दिए बयान में कहा कि अधिकांश मरीजों में सीने में दर्द, सांस लेने में परेशानी और बुखार जैसी समस्याएं देखने को मिली हैं। मरने वाले मरीजों में ज्यादातर ऐसे हैं, जिनके पहले से ही कोई बीमारी थी। मौत के कारणों की पुष्टि के लिए सैंपल लिए जा रहे हैं। जिला अस्पताल के सभी डॉक्टरों और कर्मचारियों को अलर्ट मोड पर रखा गया है।
देवरिया में स्वास्थ्य विभाग में मचा हड़कंप
देवरिया(शैलेश कुमार मिश्र): उत्तर प्रदेश के देवरिया जनपद में पिछले 24 घंटे 53 लोगों की हुई मौत से स्वास्थ्य विभाग हड़कंप मच गया है। शनिवार और रविवार को मिलाकर कुल 53 लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें शनिवार को 35 और रविवार को 18 लोगों ने अपनी जान गंवाई। पिछले एक सप्ताह से भीषण गर्मी और प्रचण्ड धूप से उल्टी दस्त और सांस के मरीजों की संख्या बढ़ी है।गांव ले लेकर शहर तक लोग बीमार हुए हैं। कुछ लोगों ने प्राइवेट अस्पताल तो काफी संख्या में देवरिया मेडिकल कालेज के इमरजेंसी में लोग इलाज के लिए पहुच रहे हैं। शनिवार और रविवार को अधिक संख्या में मरीजों के पहुंचने से इमरजेंसी में बेड कम पड़ गए, कुछ लोगों का स्ट्रेचर कुछ मरीजों का हाल में बने सीमेंट के बने वाल पर लिटाकर इलाज किया गया। इमरजेंसी में खचाखच भरे मरीजों से इमरजेंसी में गंदगी का भी अम्बार रहा। जगह-जगह उल्टी के छिटों से दुर्गंध फैल रहा थी, तो बेड के चादर भी गंदे पड़े हुए थे। मेडिकल कॉलेज में सबसे ज्यादा बुजुर्ग लोगों की मौत हुई है, हालांकि मेडिकल कालेज प्रबंधन ने hitstrok से मौत होने से साफ इंकार कर दिया है। लेकिन उल्टी दस्त, सांस लेने में तकलीफ तेज बुखार से पीड़ित मरीजों के स्वजनों की माने तो पिछले एक सप्ताह पड़ रही प्रचंड गर्मी के कारण ही लोगों की मौत हो रही है। महर्षि देवरहवा मेडिजल कालेज देवरिया के प्रवक्ता डॉ. एचके मिश्र ने प्रेसवार्ता कर बताया कि जनपद में हीटस्ट्रोक से एक भी मौत नहीं हुई है। जितनी भी मौत हुई है, उनमें से ज्यादातर 60 वर्ष से ऊपर के बुजुर्ग लोग थे, जो कई अन्य बीमारियों से ग्रसित थे। हीटस्ट्रोक के लिए मेडिकल कालेज में 10 बेड एक अलग वार्ड बनाया गया है।
रायबरेली में स्वास्थ्य विभाग ने कसी कमर
रायबरेली(नरेन्द्र सिंह): बलिया और देवरिया में जानलेवा हीट स्ट्रोक से हाहाकार मचा है। इसको देखते हुए रायबरेली का स्वास्थ्य महकमा भी एलर्ट मोड पर आ गया है। यहां सभी सीएचसी में विशेष इंतज़ाम के साथ जागरूकता और बचाव पर अधिक जोर दिया जा रहा है। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉक्टर वीरेंद्र सिंह का कहना है कि यदि बाहर निकलना आवश्यक ही हो तो शरीर को पूरा ढंकने वाले कपड़े पहन कर निकलें। सिर और मुहं को अंगौछे से ढांक लें। धूप से बचने के लिए छाते का प्रयोग करें और पानी के साथ ओआरएस का सैशे साथ ले कर चलें। उन्होंने हीट स्ट्रोक के लक्षणों को बताते हुए कहा कि यदि अचानक शरीर का तापमान बढ़ जाये और नाड़ी तेज़ चलने लगे। शरीर पर लाल चकत्ते दिखाई दें और अर्ध मूर्छित अवस्था में व्यक्ति आये तो तुरंत उसे आइस कोल्ड ट्रीटमेंट देने के साथ ही तुरंत चिकित्सक को दिखाएं। मुख्य चिकित्साधिकारी ने कहा कि ज़िला अस्पताल समेत सभी सीएचसी में विशेष तौर पर हीट स्ट्रोक के मरीजों की देखभाल और इलाज के लिए सभी इंतज़ाम कर लिए गए हैं।