हाईकोर्ट ने मांगी नर्सिंग होम के खिलाफ की गई कार्रवाई की रिपोर्ट

न्यायमूर्ति पी.के.एस. बघेल तथा न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की खण्डपीठ ने वैशाली सिंह व अन्य की जनहित याचिका पर दिया है। भारत सरकार के अधिवक्ता राजेश त्रिपाठी ने कोर्ट को बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य योजना के अस्पतालों के बायोबेस्ट बोर्ड के लाइसेंसी को दिया जा रहा है।

Update: 2023-05-09 14:57 GMT

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रयागराज के नर्सिंग होम के खिलाफ प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी नोटिस पर की गयी कार्यवाही की रिपोर्ट मांगी है। कोर्ट ने राज्य सरकार के मुख्य स्थायी अधिवक्ता जे.एन. मौर्या से 26 सितम्बर तक कार्यवाई हलफनामा दाखिल करने को कहा है।

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बोर्ड ने शहर के कई नर्सिंग होमों को मेडिकल कचरे के निस्तारण की व्यवस्था न करने पर उन्हें मुआवजे का भुगतान करने की नोटिस जारी की है। बोर्ड के अधिवक्ता डा. एच.एन. त्रिपाठी ने कोर्ट को बताया कि लापरवाह अस्पतालों को नोटिस जारी की गयी है।

यह आदेश न्यायमूर्ति पी.के.एस. बघेल तथा न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की खण्डपीठ ने वैशाली सिंह व अन्य की जनहित याचिका पर दिया है। भारत सरकार के अधिवक्ता राजेश त्रिपाठी ने कोर्ट को बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य योजना के अस्पतालों के बायोबेस्ट बोर्ड के लाइसेंसी को दिया जा रहा है।

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कोर्ट ने हलफनामा दाखिल करने का समय दिया है। याची का कहना है कि अस्पतालों नर्सिंग होमों का मेडिकल कचरा निस्तारण की सही व्यवस्था न होने से कचरे से जानलेवा घातक बीमारियां फैल रही है। कानून के तहत इनके निस्तारण की व्यवस्था करने की राज्य सरकार की जवाबदेही है। जो अपना दायित्व नहीं निभा रही है।

बोर्ड नोटिस जारी कर कोई कार्यवाही नहीं कर रही है। बोर्ड का कहना है कि कार्यवाही का अधिकार राज्य सरकार को है जिस पर कोर्ट ने सरकार से 26 सितम्बर तक कार्यवाई रिपोर्ट मांगी है।

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