हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा, APO के 102 पदों के लिए विज्ञापन दिया, फिर 72 का ही चयन क्यों?

Update: 2017-05-23 14:15 GMT
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इलाहाबाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लोक सेवा आयोग की 2011 की एपीओ भर्ती में ज्वाइन न करने से खाली रह गए 6 पदों को वेटिंग लिस्ट से भरने का निर्देश दिया है। तीन जुलाई को अगली सुनवाई की तिथि निश्चित करते हुए राज्य सरकार और आयोग से याचिका पर जवाब मांगा है।

यह आदेश न्यायमूर्ति एपी शाही तथा न्यायमूर्ति डीएस त्रिपाठी की खंडपीठ ने रमेश कुमार की याचिका पर दिया है। कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है, कि जब एपीओ के 102 पद विज्ञापित किए गए थे तो 72 का ही चयन क्यों किया गया? कोर्ट ने खाली रह गए पदों को भरने की कार्यवाही तीन हफ्ते में पूरी करने का आदेश दिया है।

क्या है मामला?

ज्ञात हो, कि 13 अगस्त 2011 को एपीओ के 102 पद विज्ञापित किए गए। साल 2014 में प्रारंभिक व मुख्य परीक्षा आयोजित की गई। 2016 में साक्षात्कार भी गया। 72 पदों की चयन सूची जारी कर दी गई। लेकिन चयनित छह लोगों ने ज्वाइन नहीं किया। याची वेटिंग लिस्ट में प्रथम स्थान पर है।

याची वेटिंग लिस्ट में पहले स्थान पर

याची के वकील सिद्धार्थ खरे का कहना था कि 'नियमानुसार ज्वाइन न करने से खाली रह गए पदों को वेटिंग लिस्ट से भरा जाना चाहिए। याची का चयन किया जाना चाहिए। इंकार करने पर यह याचिका दाखिल की गई है।' अब अगली सुनवाई तीन जुलाई को होगी।

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