लखनऊः कुख्यात डकैत ददुआ के भतीजे और प्रतापगढ़ की पट्टी सीट से सपा के टिकट पर 2012 विधानसभा चुनाव जीतने वाले राम सिंह का निर्वाचन इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने मंगलवार को रद्द कर दिया। हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि राम सिंह को विधायक नहीं माना जाएगा और उन्हें पेंशन या भत्ते समेत कोई लाभ नहीं मिलेगा। कोर्ट ने इसके लिए तत्कालीन SDM शारदा प्रसाद यादव को दोषी माना है। साथ ही तत्कालीन डीएम और संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई के लिए कहा है।
मंगलवार को सुनवाई के बाद जस्टिस एके मित्तल की बेंच ने अपने आदेश में कहा कि प्रतापगढ़ जिला प्रशासन ने पोस्टल मतों की गिनती नहीं की थी। दायर याचिका के अनुसार जिला प्रशासन ने 955 वोटों की गिनती नहीं की। ये पोस्टल बैलेट थे। जिन्हें जिला प्रशासन ने रद्द कर दिया था।
क्या था पूरा मामला
-विधानसभा चुनाव 2012 में सपा से राम सिंह ने बीजेपी प्रत्याशी मोती सिंह को मात्र 154 वोटों से हराया था।
-पट्टी विधानसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी मोती सिंह ने याचिका दायर की थी।
-दायर याचिका के अनुसार जिला प्रशासन ने 955 वोटों की गिनती नहीं की थी।
-ये पोस्टल बैलेट थे, जिनको जिला प्रशासन ने रद्द कर दिया था।
क्या कहा निर्वाचन आयोग के ओएसडी ने?
निर्वाचन आयोग के ओएसडी ने बताया कि ये इलेक्शन पेटिशन है। इसमें हारा और जीता उम्मीदवार ही पार्टी होता है। आयोग पार्टी नहीं होता। इसलिए आयोग कार्यालय में इसकी सूचना नहीं है जानकारी के बाद बताएंगे।
बेंच ने क्या कहा ?
बेंच ने अपने आदेश में कहा कि राम सिंह को विधायक होते हुए कोई लाभ नहीं मिलेगा और न पेंशन दी जाएगी। जस्टिस मित्तल ने मतगणना में गड़बड़ी करने वाले ततकालीन रिटर्निंग अधिकारी शारदा प्रसाद यादव के खिलाफ कड़ी टिप्पणी की और आदेश दिया कि भविष्य में उनको कोई महत्वपूर्ण पद नहीं दिया जाए । शारदा प्रसाद यादव अभी कानपुर में एडीएम सिविल सप्लाई हैं।