हाईकोर्ट का सरकार को निर्देश, प्रतीक्षारत लैब टैक्नीशियन की जल्द हो नियुक्ति

कोरोना महामारी को देखते हुए उच्च न्यायालय ने प्रदेश सरकार को 729 प्रतीक्षारत लैब टेक्नीशियन की नियुक्ति का निर्देश दिया है।

Update:2020-05-14 21:43 IST

लखनऊ: कोरोना महामारी को देखते हुए उच्च न्यायालय ने प्रदेश सरकार को 729 प्रतीक्षारत लैब टेक्नीशियन की नियुक्ति का निर्देश दिया है। कोरोना संक्रमण से लड़ाई में लैब टेक्नीशियनों की भूमिका को देखते हुए उच्च न्यायालय ने मेरिट पर वीड़ियों कांफ्रेसिंग के जरिए मामले की सुनवाई कर यह फैसला दिया।

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राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष सुरेश रावत, महामंत्री अतुल मिश्रा, उपाध्यक्ष सुनील यादव ने सरकार, शासन तथा न्यायालय का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहां है कि वास्तव में यह जनहित में दिया गया आदेश है। इससे 729 लैब टेक्नीशियन के भविष्य पर लगा हुआ ताला खुल गया है। साथ ही वर्तमान समय में लैब टेक्नीशियन की अधिक आवश्यकता को देखते हुए सरकार को तत्काल नियुक्ति आदेश जारी करते हुए जनता को स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जानी चाहिए।

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बता दे कि वर्ष 2016 में 921 लैब टेक्नीशियन के पदों पर उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड द्वारा विज्ञापन निकाला गया था। 15 जून 2019 को अंतिम परिणाम घोषित करते हुए प्रदेश सरकार को सौंप दिया गया था। इसमे से 198 चयनित अभ्यर्थियों को चिकित्सा शिक्षा महानिदेशालय और 729 चयनित लैब टेक्नीशियन को महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य को तैनाती करनी थी।

महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा ने 198 चयनित लैब टेक्नीशियनों को प्रदेश के अलग-अलग मेडिकल कॉलेजों में नियुक्तियां प्रदान कर दी, लेकिन न्यायालय वाद होने के कारण स्वास्थ्य भवन द्वारा 729 लैब टेक्नीशियन की तैनाती नहीं की गई।

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राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तर प्रदेश ने वैश्विक महामारी कोबिड 19 की जांच में लैब टेक्नीशियन की महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य से 16 अप्रैल को एक पत्र लिखकर अनुरोध किया था कि उक्त मामले में न्यायालय में प्रभावी पैरवी की जाय, जिससे इन कार्मिकों की नियुक्ति तत्काल हो सके। परिषद के पत्र पर शासन द्वारा बीती 17 अप्रैल को एक पत्र लिखकर मुख्य स्थाई अधिवक्ता उच्च न्यायालय से प्रभावी पैरवी किए जाने का अनुरोध किया था।

उक्त के क्रम में महत्वपूर्ण केस मानते हुए बीती 13 मई को उच्च न्यायालय में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रकरण की सुनवाई हुई। जिसमें न्यायालय ने पाया कि महामारी के इस दौर में लैब टेक्नीशियन की महत्वपूर्ण भूमिका है इसलिए वर्तमान समय में इनकी नियुक्ति किया जाना आवश्यक है।

रिपोर्ट: मनीष श्रीवास्तव

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