लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सचल पालना गृह योजना में कथित घोटाले की जांच सीबीआई को सौंप दी है। इसके पूर्व राज्य सरकार द्वारा इस मामले में दिए गए रिपोर्ट में भी सचल पालना गृह योजना में बड़े पैमाने पर फंड के दुरुपयोग और अनियमितता का मामला सामने था। कोर्ट ने उक्त रिपोर्ट को देखते हुए कहा था कि योजना वास्तव में लागू ही नहीं हुई।
न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल और न्यायमूर्ति वीरेंद्र कुमार (द्वितीय) की खंडपीठ ने मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया। साथ ही तीन माह में जांच की स्टेटस रिपोर्ट भी तलब की है।
भारी अनियमितताओं का लगा था आरोप
हरीश कुमार वर्मा की ओर से जनहित याचिका दाखिल करते हुए प्रदेश में रजिस्टर्ड कामगार महिला श्रमिकों के बच्चों के लिए चलने वाले सचल पालना गृह योजना में भारी अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की गई थी। पिछली सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के जवाब में दोषियों की पहचान और उन पर कार्रवाई की बात न होने पर कोर्ट ने जवाब से असंतुष्टि जाहिर करते हुए प्रमुख सचिव, महिला व बाल विकास विभाग और सचिव, यूपी भवन व अन्य निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड को तलब भी किया था।
'वे कौन हैं जिन्होंने बिना कार्य किए पैसे लिए'
कोर्ट ने पूछा था कि 'योजना के तहत कितने शिशु गृहों की स्थापना की गई और वास्तव में क्या सेवाएं उक्त योजना के तहत प्रदान की जानी थी।' कोर्ट ने यह भी पूछा था कि 'वे कौन लोग हैं जिन्होंने बिना कार्य किए पैसे प्राप्त कर लिए और वे कौन से अधिकारी हैं जो इस धोखाधड़ी के भुगतान के लिए जिम्मेदार हैं।'