HC का आदेश-नंबर प्लेट पर पुलिस, प्रेस, एडवोकेट लिखने वालों पर हो एक्शन

Update:2016-02-23 21:16 IST

इलाहाबाद: गाड़ियों की नंबर प्लेट पर विभागों, संस्थाओं के नाम और पोस्ट लिखने के खिलाफ दायर याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाई है। कोर्ट ने परिवहन सचिव और सभी संभागीय परिवहन अधिकारियों को कड़ी कार्रवाई करने को कहा है। कोर्ट ने राज्य सरकार से भी तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।

-यह आदेश चीफ जस्टिस डॉ. डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस यशवंत वर्मा की बेंच ने अग्निवेश की याचिका पर दिया है।

-याचिका में कानून के मुताबिक हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट को कड़ाई से लागू करने की मांग की गई है।

-याची ने कहा कि तमाम लोग गाड़ियों के नंबर प्लेटों पर न्यायविभाग, जस्टिस, प्रेस, एडवोकेट, पुलिस, वन विभाग, हाईकोर्ट आदि लिखकर चलते हैं।

-यह कानून के खिलाफ है।

रिपोर्ट भी मांगी

कोर्ट ने परिवहन विभाग के अधिकारियों को नियमों का कड़ाई से पालन कराने और ऐसे वाहनों पर कार्रवाई करने का आदेश दिया है। कार्रवाई की रिपोर्ट भी मांगी है।

क्या कहते हैं परिवहन आयुक्त के रवींद्र नायक

परिवहन आयुक्त के रवींद्र नायक का कहना है कि गाड़ी पर कोई पदनाम लिखना किसी एक्ट में नही है। इनफोर्समेंट की कमी है। एमवी एक्ट में पहले से प्रावधान है कि गाड़ी पर किसी का भी पदनाम नहीं लिख सकते हैं। उप्र सरकार भी नहीं। कोर्ट के आदेश की जानकारी नहीं है।

क्या हैं नियम

-सेंट्रल मोटर व्हीकल एक्ट के नियमों के मुताबिक व्हीकल के नंबर प्लेटों पर नंबर के अलावा उत्तर प्रदेश शासन, विधायक, जनपद, सदस्य सांसद, सांसद प्रतिनिधि कुछ नहीं लिखा जा सकता।

-सेंट्रल मोटर व्हीकल एक्ट 1989 के नियम 50 और 51 में व्हीकल के रजिस्ट्रेशन नंबर लिखे जाने के स्पष्ट प्रावधान हैं, जिसमें नंबर प्लेट का साईज और रंग आदि का स्पष्ट उल्लेख किया गया है।

-इसके अनुसार, नंबर प्लेट पर नंबर के अलावा अन्य किसी भी प्रकार से कुछ भी नहीं लिखा जा सकता है।

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