HC: शिया वक्फ बोर्ड के नामित सदस्यों को हटाए जाने पर राज्य सरकार से जवाब तलब
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने राज्य सरकार से शिया वक्फ बोर्ड से नामित सदस्यों को हटाने पर जवाब तलब किया है।
लखनऊ: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने राज्य सरकार से शिया वक्फ बोर्ड से नामित सदस्यों को हटाने पर जवाब तलब किया है। कोर्ट ने राज्य सरकार को शुक्रवार तक अपना पक्ष रखने का आदेश दिया है। इसके साथ ही हटाने संबंधी मूल रिपोर्ट भी तलब की है।
यह आदेश जस्टिस राजन राय और जस्टिस एन एन अग्निहोत्री की अवकाशकालीन पीठ ने आलिमा जैदी और अन्य सदस्यों की ओर से सरकार के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर पारित किया है।
योगी सरकार ने गत 16 जून को बोर्ड के नामित सदस्यों अख्तर हसन रिजवी, सैयद वली हैदर, आसफा जैदी, मौलाना अजीम हुसैन जैदी, आलिमा जैदी और नजमुल हसन रिजवी को वक्फ संपत्ति में धांधली और अनियमितताओं की शिकायत के चलते हटा दिया था। इन सदस्यों को पिछली अखिलेश सरकार में नामित किया गया था। आलिमा जैदी और कुछ अन्य सदस्यों ने सरकार के आदेश को चुनौती दी थी।
याचियों की ओर से बहस करते हुए वकील गौरव मेहरोत्रा का तर्क था कि चेयरमैन और सदस्यों को हटाने की प्रकिया वक्फ अधिनियम-1995 की धारा 20 और 20 ए के तहत प्रावधानित है और सरकार ने नामित सदस्यों को हटाने के लिए विहित प्रकिया का पालन नही किया। चीफ सेक्रेटी के गत 20 मार्च 2017 के एक आदेश के आधार पर नामित सदस्यों को हटा दिया। जबकि इन सदस्यों का कार्यकाल निश्चित समय के लिए था। अतः बिना कार्यकाल पूरा किए सदस्यों का हटाया जाना असंवैधानिक है।
वहीं सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता रमेश कुमार सिंह ने याचिका का विरोध किया। उन्होंने इस मामले पर पूरा पक्ष रखने और तथ्यों की परख के लिए समय मांगा। जिस पर कोर्ट ने उन्हें शुक्रवार तक का समय दे दिया।