इलाहाबाद: नोएडा (गौतम बुद्धनगर) में पंचायतों का का चुनाव रद्द कर नए सिरे से चुनाव करने के यूपी सरकार के निर्णय को हाईकोर्ट ने सही नहीं माना है। मुख्य न्यायाधीश डीबी भोसले और न्यायाधीश यशवंत वर्मा की
खंडपीठ ने निर्देश दिया है कि प्रदेश सरकार के पंचायती राज विभाग 17 अक्टूबर तक इस मामले में अपना निर्णय लेकर कोर्ट को अवगत कराए। सरकार का पक्ष रख रहे सरकारी वकील ने भी कहा, 'गौतम बुद्धनगर में पंचायत चुनाव रद्द करना सही नहीं था। हम इस पर फिर से विचार करेंगे।'
गौतम बुद्धनगर के ब्रजभान ने याचिका दायर कर सरकार के उस अधिसूचना को चुनौती दी थी जिसके द्वारा अधिसूचित औद्योगिक विकास क्षेत्र में आने वाली समस्त पंचायतों का चुनाव रद्द कर नए सिरे से चुनाव करने का सरकार ने निर्णय लिया है।
यूपी गवर्नमेंट के इस फैसले को चुनौती देते हुए कहा गया था कि पंचायती विभाग ने इस प्रकार कि अधिसूचना जारी कर कानूनी गलती की है। क्योंकि उन स्थानों का भी पंचायत चुनाव रद्द कर दिया गया है जहां का एरिया औद्योगिक विकास क्षेत्र के अंतर्गत अधिसूचित नहीं है।
हाईकोर्ट ने सरकारी वकील से इस संबंध में जानकारी तलब की थी कि वह पता कर बताए कि क्या उन एरिया का भी चुनाव रद्द कर दिया गया है। जहां पर औद्योगिक विकास क्षेत्र की अधिसूचना नहीं है।
इस पर सरकार के वकील ने बताया था कि 'हां कुछ ऐसे भी क्षेत्र हैं जहां का चुनाव रद्द है। वह क्षेत्र औद्योगिक
विकास क्षेत्र में नहीं आता। कोर्ट ने इस पर आदेश दिया कि सरकार फिर से इस पर विचार कर निर्णय लेकर कोर्ट को 17 अक्टूबर को बताएं।